नाम आंखों से लिया पर्चा वापस:
प्रतापगढ़। शहर के प्रतिष्ठित व्यवसाय और भारतीय जनता पार्टी के समर्पित वरिष्ठ नेता संतोष मिश्रा पर इस कदर दबाव बनाया गया कि उन्हें मजबूर होकर अपना पर्चा वापस लेना पड़ा। चर्चा तो यहां तक है कि उन्हें पर्चा वापस लेने के लिए धमकाया गया। मीडिया से संतोष मिश्रा ने कुछ बातें नहीं की लेकिन उनकी आंखों में आंसू दिखाई दिए। आंखों में आंसू का मतलब ही यही है कि उन्हें मनाया नहीं गया बल्कि धमका कर पर्चा वापस करने पर मजबूर किया गया। संतोष मिश्रा लोकप्रिय ब्राह्मण चेहरा है और पहले भी दो बार नगर पालिका अध्यक्ष का चुनाव लड़ चुके हैं।
देखना होगा कि उनके पर्चा वापस लेने के बाद भारतीय जनता पार्टी का समीकरण मजबूत होता है या फिर इसका साइड इफेक्ट पड़ेगा और बीजेपी को खामियाजा उठाना पड़ेगा। फिलहाल संतोष मिश्रा को जिस तरह चुनाव से हटाने के लिए मजबूर किया गया है उससे ब्राह्मण के एक टपके में बड़ी नाराजगी देखने को मिल रही है। सवाल यह पैदा होता है कि आखिर वह कौन सी ताकत है जिसने संतोष मिश्रा पर इस कदर दबाव बनाया कि वह टूट गए और कल तक मजबूती से चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे संतोष मिश्रा ने अचानक अच्छा वापस करने का फैसला कर लिया इसको लेकर तरह-तरह की चर्चाएं लोगों के बीच में चल रहे हैं।
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