बसपा और सपा का वोट कांग्रेस के साथ पूरी तरह लामबंद
अमेठी। लगभग 2 महीने पहले तक ऐसा लग रहा था कि राहुल गांधी भी आ जाएंगे तो भी स्मृति ईरानी को हराना आसान नहीं होगा लेकिन नामांकन की अंतिम तिथि के 1 दिन पहले रायबरेली से राहुल गांधी और अमेठी से किशोरी लाल शर्मा को कैंडिडेट घोषित करके कांग्रेस ने चुनाव जीतने के लिए स्मृति ईरानी की सभी रणनीति को पूरी तरह ध्वस्त कर दिया।
किशोरी लाल शर्मा पर हमला नहीं कर पा रही समृद्ध ईरानी:
स्मृति ईरानी ने अपना चुनावी कोर्स राहुल गांधी को ध्यान में रखकर तैयार किया था लेकिन अंतिम समय में कांग्रेस ने उनका सिलेबस ही बदल दिया। स्मृति ईरानी के सामने सबसे बड़ी मुश्किल यह है कि वह राहुल गांधी पर निशाना लगती है तो वह फाउल हो जाता है क्योंकि मुकाबले में के एल शर्मा है। लोग राहुल गांधी की आलोचना की अनसुनी कर देते हैं दूसरी ओर किशोरी लाल शर्मा है जो अपनी नुक्कड़ सभा में एक साथ में ही सैकड़ो परियोजनाएं जो राहुल गांधी संजय गांधी राजीव गांधी के समय में यहां स्थापित हुई इसका जिक्र आसानी से कर लेते हैं क्योंकि इन सभी परियोजनाओं में वह खुद भी मास्टर आर्किटेक्ट रहे हैं। स्मृति ईरानी केवल राहुल गांधी के अमेठी में कम उपस्थिति को ही मुद्दा बन पाती थी जबकि किशोरी लाल शर्मा तत्वों के साथ यह बताने में सफल हो रहे हैं की स्मृति ईरानी के आने के बाद अमेठी में तमाम विकास परियोजनाएं कैसे खत्म हो गई और कैसे कई परियोजनाओं को यहां से शिफ्ट कर दिया गया।
आप ही आबादी पर प्रियंका का जादू
अमेठी के गांव गली में प्रियंका गांधी का जादू सिर चढ़कर बोल रहा है। उनकी नुक्कड़ सभा में बड़ी संख्या में महिलाएं आ रही हैं उनको सुन रही हैं। प्रियंका गांधी जिस तरह उनके किचन की महंगाई से लेकर उनकी मुश्किलों पर बात करती हैं वह गांव की महिलाओं में बाद अपील कर रहा है। एक नुक्कड़ सभा में जब प्रियंका गांधी ने कहा आपके खाते में हर महीने 8500 आएंगे और साल भर में ₹100000 मिलेंगे तो महिलाओं की खुशी देखते ही बनती थी। माना जा रहा है कि सभी जाति और वर्ग की महिलाओं में प्रियंका गांधी और कांग्रेस की घोषणा पत्र का चर्चा है।
महाराजी देवी बीजेपी के साथ तो नाराज हुआ अमेठी राज परिवार
राज्यसभा चुनाव में भाजपा प्रत्याशी संजय सेठ को वोट देकर गायत्री प्रजापति की पत्नी और अमेठी से विधायक महाराजी देवी ने अपने परिवार के लिए मुसीबत से उबारने की जो कोशिश की वह तो अभी तक नसीब नहीं हुआ लेकिन इस बीच में भाजपा पर मुसीबत आ गई क्योंकि 2022 में संजय सिंह को यहां पर हर का सामना करना पड़ा था। उन्हें गायत्री प्रजापति की पत्नी महाराजी देवी ने हराया था वही महाराजी देवी इस समय भाजपा के लिए वोट मांग रही है जबकि राज परिवार से वफादारी रखने वाले अधिकांश नेता कार्यकर्ता इस समय प्रियंका की चुनावी सभा में बढ़ चढ़कर हिस्सा ले रहे हैं।
पीडीए का बोलबाला
समाजवादी पार्टी सुप्रीमो अखिलेश यादव ने पिछड़ा दलित और अल्पसंख्यक का जो पीडीए वाला फार्मूला दिया था वह कम से कम अमेठी में पूरी तरह काम करता हुआ दिखाई दे रहा है। अमेठी में दलित मतदाता पूरी तरह कांग्रेस की ओर शिफ्ट कर गए हैं इसका कारण कांग्रेस का राष्ट्रीय अध्यक्ष का चेहरा मल्लिकार्जुन खड़गे हैं जबकि मुसलमान और अन्य ओबीसी भी इस बार राहुल गांधी से बेहद प्रभावित हैं। राहुल गांधी ने भारत जोड़ो यात्रा के दौरान जिस तरह दलित ओबीसी की बात को और संविधान के मुद्दे को उठाया उसे यहां पर यह तब का पूरी तरह राहुल गांधी पर भरोसा जाता रहा है और यह स्मृति ईरानी के लिए बहुत बड़ी चिंता का कारण है। एक अनुमान के मुताबिक दलित पिछड़े और अल्पसंख्यक मत में 80% तक कांग्रेस के पक्ष में रुझान देखा जा रहा है।
निष्क्रिय हुए भाजपा के कार्यकर्ता
कहां जा रहा है कि जिस तरह 2019 में भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ताओं में राहुल गांधी को हराने के लिए गांव गली और चौराहे पर मोर्चा संभाल रहे थे वह नजर अब नहीं दिखाई दे रहा है ज्यादातर कार्यकर्ता मायूस और निराश हैं। यहां पर पूरे प्रदेश भर के तमाम लोगों की ड्यूटी लगाई गई है और स्थानीय कार्यकर्ताओं की उपेक्षा हो रही है ऐसा यहां पर भाजपा के कार्यकर्ता स्वयं महसूस करते हैं। जगदीशपुर से भाजपा विधायक और मंत्री सुरेश पासी भी उपेक्षा के शिकार हैं। केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी के नामांकन के दौरान उनके साथ दुर्व्यवहार हुआ ऐसी भी चर्चा है। हालांकि प्रदेश और देश के बड़े पदाधिकारी अमेठी में डेरा डाले हुए हैं लेकिन फिर भी कार्यकर्ताओं में जोश और उत्साह की कमी साफ देखी जा रही है।
भाजपा कार्यकर्ताओं से भी मुस्कुरा कर मिलते हैं किशोरी लाल शर्मा
किशोरी लाल शर्मा अमेठी चुनाव को भाजपा और कांग्रेस में बताकर नहीं देख रहे वह भाजपा कार्यकर्ताओं को भी साधने की पूरी कोशिश कर रहे हैं उनका नाम जानते हैं उनकी नाराजगी से भी अवगत थे कहां जा रहा है कि किशोरी लाल शर्मा के प्रयास से बहुत से ऐसे नाराज लोग जो भाजपा में शामिल हो गए थे वापस कांग्रेस में आने लगे हैं कांग्रेस की इस रणनीति से भाजपा बेचैन है। प्रधान क्षेत्र पंचायत सदस्य और अन्य जनप्रतिनिधियों पर शासन प्रशासन का दबाव और प्रभाव बनाने की कोशिश की जा रही है लेकिन वह बहुत कारगर होती दिखाई नहीं दे रही है।
कुल मिलाकर यह कहा जा सकता है कि अगर प्रशासनिक मशीनरी का दुरुपयोग ना हुआ और सभी को अपना मत डालने की छूट मिली तो किशोरी लाल शर्मा रिकॉर्ड मत से चुनाव जीत सकते हैं।
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