
लखनऊ। आबकारी विभाग में अंधेर नगरी चौपट राजा जैसी स्थिति है। राजा मला चीनी मिल में मोलासेस चोरी और केन ज्यूस भंडारण को लेकर है। इस संबंध में एक आरटीआई के जवाब में डिप्टी एक्साइज कमिश्नर उत्पादन संजीव कांत ने यह कहकर कि फोम फार्म में जमा मोलासेस को नापने की कोई व्यवस्था आबकारी विभाग द्वारा नहीं दी गई है। ऐसे में दो सवाल पैदा होते हैं पहले यह कि यदि इस तरह का मोलासेस का भार मापने की कोई व्यवस्था नहीं है तो इसी संबंध में चीनी मिलों में मोलासेस चोरी के आरोप में सब इंस्पेक्टर को नोटिस जारी क्यों की गई और इसी प्रकरण में चीनी मिल पर कार्रवाई क्यों नहीं की गई जबकि गणना चीनी और आबकारी तीनों विभाग के प्रमुख सचिव आबकारी विभाग की ही प्रमुख सचिव हैं।
संजीव कांत द्वारा दिए गए जवाब के बाद यह साफ हो गया है कि चीनी मिलों में बड़े पैमाने पर मोलासेस चोरी आबकारी विभाग की लापरवाही या मिली भगत से हो रहा है आखिर तकनीकी विभाग ने अभी तक चीनी मिलों में फोम के रूप में मोलासेस का भंडारण कर बड़े पैमाने पर चोरी की है क्योंकि तकनीकी विभाग में अभी तक इस फॉर्म में मोलासेस का भार नापने की कोई वैधानिक व्यवस्था नहीं की है जिसका फायदा चीनी मिल उठा रहे हैं लेकिन इस मामले में सब इंस्पेक्टर पर कार्रवाई हो रही है लेकिन चीनी मिलों पर कोई कार्रवाई नहीं हो रही है जबकि यदि मोलासेस चोरी हुई है तो वह चोरी चीनी मिल के बिना संभव नहीं है ऐसे में चीनी मिलों पर भी कार्रवाई होनी चाहिए थी जो नहीं की गई।

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