लखनऊ। दिल्ली में शराब घोटाले में मुख्यमंत्री और कई कैबिनेट मंत्री को भी जेल यात्रा करनी पड़ी लेकिन उत्तर प्रदेश में ऐसा नहीं है यहां जो जितना बड़ा घोटाला करता है उस उतना बड़ा इनाम मिलता है। ताजा उदाहरण गोंडा के नवाबगंज स्थित डिस्टलरी से 850000 लीटर ईएनए चोरी का है। इस मामले में डिप्टी एक्साइज कमिश्नर आलोक कुमार ने डिस्टलरी में तैनात सहायक आबकारी आयुक्त रामप्रीत चौहान को ही इस मामले का दोषी बताया था और जैसे ही डिप्टी एक्साइज कमिश्नर आलोक कुमार ने ईएनए घोटाले की अपनी रिपोर्ट भेजी तो कमिश्नर आदर्श सिंह घोटालेबाज सहायक आबकारी आयुक्त रामप्रीत चौहान पर फिदा हो गए और उसे बस्ती की रुदौली स्थित बजाज डिस्टलरी में तैनाती देकर गौरवान्वित किया। विभाग में आम चर्चा है कि जो जितना बड़ा घोटाले बाज होगा कमिश्नर उसकी उतनी ही अच्छी पोस्टिंग देंगे। सबसे बड़ा सवाल यही है कि जब डिप्टी एक्साइज कमिश्नर ने अपनी रिपोर्ट में 58000 लीटर ईएनए के गबन मामले में अपनी लिखित जांच रिपोर्ट जो मुख्यालय में भेज दी गई है में रामप्रीत चौहान को दोषी पाया तो उन्हें चार्ज सीट देकर निलंबित करने के बजाय बस्ती जनपद की रुदौली स्थित बजाज जैसी डिस्टलरी में तैनाती कैसे दे दी गई। क्या रामप्रीत चौहान ने यह तैनाती पैसे के दम पर पाई है जिसकी मुख्यालय में खूब चर्चा हो रही है इसकी जांच जरूर होनी चाहिए।
टपरी शराब कांड के गुनहगारों को कमिश्नर ने बचाया:
विभाग में यह आम चर्चा है कि कमिश्नर आदर्श सिंह ने करोड़ों की वसूली करके सहारनपुर के टपरी शराब कांड के सभी अभियुक्त को बचाने में मदद की है। प्रयागराज के जिला आबकारी अधिकारी सुशील मिश्रा जिनकी तैनाती के समय बदायूं जनपद में 15 ट्रक अवैध शराब बेची गई थी उन्हें आज तक चार्ज सीट नहीं दी गई। कहां जा रहा है कि यह घोटाले बाज भी कमिश्नर आदर्श सिंह की नाक का बाल है। इसी तरह वर्तमान जॉइंट एक्साइज कमिश्नर लखनऊ दिलीप कुमार मणि त्रिपाठी के वाराणसी में डिप्टी एक्साइज कमिश्नर के रूप में तैनाती के समय जौनपुर जनपद में भी टपरी शराब कांड की कई ट्रक शराब बेची गई इस जानकारी और तथ्य के बावजूद कमिश्नर ने उन्हें पुरस्कार स्वरूप जॉइंट एक्साइज कमिश्नर बना दिया बताने की जरूरत नहीं कि इस मामले में भी तगड़ी वसूली हुई। अभी हाल ही में जॉइंट एक्साइज कमिश्नर ईआईबी के पद से रिटायर हुए जैनेंद्र उपाध्याय के लखनऊ में डिप्टी एक्साइज कमिश्नर के रूप में तैनाती के समय उन्नाव में भी 10 ट्रक से ज्यादा टपरी की शराब अवैध रूप से बेची गई उनकी मदद भी कमिश्नर ने की और इस प्रकरण में शासन के निर्देश के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं की और इस मामले में भी वसूली की चर्चा है।
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