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नई दिल्ली. लाल किले की प्राचीर से प्रधानमंत्री उन्हें अपने उद्बोधन में अपनी सरकार की उपलब्धियां और अपनी जय जय कार की लेकिन जिसकी बदौलत इस देश को आजादी मिली ऐसे महान स्वाधीनता सेनानियों को उन्होंने याद भी नहीं किया। देश की आजादी में योगदान करने वाले भारत मां के वीर सपूतों का सबसे कम जिक्र किया।
घमंड से भरे प्रधानमंत्री ने कहा अगले साल में फिर तिरंगा फहरूँगा
प्रधानमंत्री के उद्बोधन में देश की आजादी आजादी की लड़ाई में शहीद होने वाले स्वतंत्रता सेनानियों और उनके बलिदान की चर्चा नहीं करने पर लोगों में गहरी निराशा है। प्रधानमंत्री मोदी ने अपनी तमाम योजनाओं का बखान किया और साथ में यह भी कहा कि मैं ही अगले साल 15 अगस्त पर लाल किले में तिरंगा फहराऊंगा। प्रधानमंत्री मोदी के इस बयान से बहुत से लोगों में निराशा हुई कुछ लोगों का कहना था कि प्रधानमंत्री जनतंत्र का मजाक उड़ा रहे हैं। जनादेश से पहले इस तरह के दावे करना उनके भाषण को हल्का बनता है।
मणिपुर मुद्दे पर बोलने पर मजबूर हुए प्रधानमंत्री:
आखिरकार आज विपक्ष की जीत हुई और महीनों तक मौन रहने वाले प्रधानमंत्री मोदी को लाल किले के प्राचीर से मणिपुर मुद्दे पर बोलना पड़ा। हालांकि दो ही मिनट बोले उन्होंने कहा कि मणिपुर में महिलाओं के साथ हिंसा हुई तो तकलीफ महाराष्ट्र के लोगों को हुई। हम मणिपुर के साथ हैं केंद्र और राज्य की सरकार वहां शांति के लिए कम कर रही है।
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