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फेक पोर्टल पर फिर होगी ट्रांसफर पोस्टिंग: मनचाही पोस्टिंग के लिए हुई करोडो की वसूली

लखनऊ। पिछले स्थानांतरण सत्र में फेक पोर्टल पर ट्रांसफर पोस्टिंग कर चर्चा में आए कमिश्नर सेंथिल पांडियन सी फिर वही दांव आजमाने जा रहे हैं। एक ही जिले में तीन वर्ष का कार्यकाल पूरा कर चुके इंस्पेक्टर की नवीन तैनाती के लिए 5 से 10 लख रुपए की वसूली हो रही है। मिली जानकारी के मुताबिक 67 इंस्पेक्टर फील्ड में तैनात है जबकि 34 इंस्पेक्टर डिस्टलरी में तैनात है जिनका 3 वर्ष का कार्यकाल पूरा हो रहा है और जिनकी नवीन तैनाती चुनाव आयोग के निर्देशों के अनुसार होनी है। आम चर्चा है कि कमिश्नर ने इंस्पेक्टर्स को मनचाही तैनाती के लिए 5 लाख से 10 लाख रुपए का रेट तय कर रखा है। इस तरह से करोड़ों रुपए की वसूली किए जाने की चर्चा है।

प्रवर्तन में तैनात इंस्पेक्टर को फील्ड में आने से रोकने की साजिश

आबकारी आयुक्त प्रवर्तन में तैनात इंस्पेक्टर को मंडल का कर्मचारी बताकर उन्हें ट्रांसफर के दायरे से बाहर रखने की साजिश की जा रही है जबकि वास्तविकता यह है कि प्रवर्तन दल की जिला स्तर पर ही तैनाती होती है लेकिन इस तत्व को चुनाव आयोग से छुपाते हुए उनकी तैनाती को मंडल स्तर पर दिखाया जा रहा है जिससे कि उनका स्थानांतरण रोका जा सके और उन्हें फील्ड में तैनात ना किया जाना पड़े।

प्रयागराज मुख्यालय में तमाम कर्मचारी 30 वर्षों से ज्यादा समय से तैनात है लेकिन उनका तबादला नहीं किया जा रहा है जबकि ऐसे लोग तमाम राजनीतिक दलों के करीबी बताए जाते हैं।

चुनाव आयोग को फर्जी ट्रांसफर पोस्टिंग की सूची भेजने की तैयारी

आबकारी आयुक्त और एडिशनल कमिश्नर ने मिलकर एक साजिश रची है जिसमें चुनाव आयोग को एक ऐसी फर्जी सूची भेजी जाएगी ।

मानव संपदा पोर्टल पर अपडेट नहीं है ट्रांसफर पोस्टिंग का विवरण

क्योंकि पिछले स्थानांतरण सत्र में आबकारी आयुक्त ने फर्जी पोर्टल के जरिए ट्रांसफर पोस्टिंग किया था इसलिए वास्तविक मानव संपदा पोर्टल पर कर्मचारियों का कोई भी विवरण उपलब्ध नहीं है। यदि कर्मचारियों का ट्रांसफर पोस्टिंग का विवरण वास्तविक मानव संपदा पोर्टल पर अपलोड किया जाएगा तो कमिश्नर के फर्जी वाडे की पोल खुल जाएगी इसीलिए उन्होंने इस बार भी मानव संपदा पोर्टल के जरिए ट्रांसफर पोस्टिंग करने के बजाय मैन्युअल ट्रांसफर पोस्टिंग करने की योजना बनाई है जिससे वह मनमानी कर सके और उनके फर्जी वाडा भी छुप रह जाए।

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