
नई दिल्ली। पहलगाम में आतंकी घटना के बाद पाकिस्तान से संघर्ष और संघर्ष के बाद युद्ध विराम तथा युद्ध विराम के बाद बीजेपी की तिरंगा यात्रा से राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने ही दूरी बना ली। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने इस तिरंगा यात्रा में प्रतिभाग भी नहीं किया जिसकी वजह से बीजेपी की तिरंगा यात्रा में कोई जोश नहीं दिखाई दिया।
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने क्यों बनाई दूरी:
राजनीतिक हलकों में इस बात की खासियत चर्चा हो रही है कि आखिर भारतीय जनता पार्टी के इस महत्वपूर्ण अभियान से राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने क्यों दूरी बना ली। सूत्रों के हवाले से जो चर्चा सामने आ रही है उसके मुताबिक राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ प्रमुख समेत संघ के कई बड़े पदाधिकारी पहलगाम में हुई आतंकी घटना में सरकार की ओर से जो सुरक्षा चूक की गई उसको लेकर बेहद नाराज है। के साथ ही सेना के ऑपरेशन सिंदूर को बिना सेना की मंजूरी के युद्ध विराम करना यह भी राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ को पसंद नहीं आया है। संघ को उम्मीद थी की बहुत दिनों बाद भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व वाली सरकार के पास या मौका था कि वह पराक्रम और शौर्य का परिचय देते हुए 1971 या 1965 से भी बड़ा कोई चोट पाकिस्तान को देने का सुनहरा अवसर था इतना ही नहीं पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर के विलय का भी यह सुनहरा मौका था लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जिस तरह अंतरराष्ट्रीय दबाव में आकर युद्ध विराम पर सहमत हो गए उससे संघ में बेहद नाराजगी है। सूत्रों का कहना है कि अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की छवि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ में पहले जैसी नहीं रही। संघ अब उनके रिटायरमेंट की प्लानिंग कर रहा है और माना जा रहा है कि सितंबर 2025 से पहले उन्हें पद छोड़ने के लिए कह दिया जाएगा।
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