
लखनऊ। रामपुर स्थित रेडिको खेतान की डिस्टलरी में कई तरह की अनियमितता की खबरें आती रही हैं। बताया जा रहा है कि डिस्टलरी बंद रहती है फिर भी डिस्टलरी को रिजर्व कैटेगरी का मोलासेस दिया जाता है। जबकि नियमानुसार डिस्टलरी के उत्पादन क्षमता के हिसाब से मोलासेस का आवंटन होना चाहिए। यह गंभीर जांच का विषय है कि आबकारी विभाग के पोर्टल पर महीनों से डिस्टलरी की प्रोडक्शन यूनिट पूरी तरह बाधित है और उत्पादन आंकड़े डिस्टलरी को जारी किए गए मोलासेस के सापेक्ष बहुत ही कम है। अगर डिस्टलरी अपनी उत्पादन क्षमता के अनुसार ईएनए उत्पादन नहीं कर सकती तो फिर उसे पूरी क्षमता के हिसाब से मोलासेस का आवंटन क्यों किया गया। क्या लाखों कुंतल मोलासेस में कोई बड़ा खेल हुआ है। आखिर यहां तैनात रहे सहायक आबकारी आयुक्त ने डिस्टलरी की उत्पादन क्षमता की सही रिपोर्टिंग क्यों नहीं की। क्या सहायक आबकारी आयुक्त डिस्टलरी के आव भगत के मुरीद बन गए। मामला जो भी हो आबकारी विभाग को करोड रुपए का चूना लगने की आशंका जताई जा रही है। सच्चाई क्या है यह तभी सामने आएगी जब इस प्रकरण की सक्षम अधिकारियों द्वारा जांच हो। रामपुर स्थित डिस्टलरी में ईएनएउत्पादन में हेराफेरी की शिकायत प्रमुख सचिव तक पहुंची थी इसके बाद उन्होंने कमिश्नर को कार्रवाई करने के लिए कहा था। कहा तो यह अभी जा रहा है कि कमिश्नर ने इस मामले में संबंधित डिस्टलरी से स्पष्टीकरण भी मांगा है और एडिशनल मोलासेस रिलीज करने से रोक लगा दी है। सबसे गंभीर सवाल यही है कि डिस्टलरी में तैनात सहायक आबकारी आयुक्त रहे आनंद प्रकाश जो इस समय डिप्टी एक्साइज कमिश्नर आजमगढ़ हैं उन्होंने डिस्टलरी की निकासी और उत्पादन क्षमता संबंधी रिपोर्ट में इसका जिक्र क्यों नहीं किया। डिस्टलरी काफी अनियमित ढंग से चल रही है कभी यह अपनी हाफ कैपेसिटी से चलती है कभी आप बंद हो जाने की सूचना देती है। कुल मिलाकर सबसे गंभीर सवाल यह है कि यदि कई महीने से डिस्टलरी के ईएनए उत्पादन में गिरावट आई है जिसकी पुष्टि हो सकती है तो फिर डिस्टलरी को रिजर्व मोलासेस पूरी क्षमता के अनुसार क्यों अलॉट किया गया। एक तरफ डिस्टलरी अपनी प्रोडक्शन यूनिट की क्षमता में 50% की कमी दर्शा रही है वहीं दूसरी ओर इसी कंपनी को कंपनी की निर्धारित पूर्ण क्षमता के मुताबिक मोलासेस जारी किया गया इस खेल में कौन-कौन शामिल है और इसका नेटवर्क कहां तक फैला हुआ है इसकी जांच होने पर ही पूरा मामला सामने आ सकेगा फिलहाल प्रकरण बेहद गंभीर है। इसलिए गंभीर है क्योंकि यह मामला प्रमुख सचिव और आबकारी आयुक्त के संज्ञान में भी है । यदि इसमें दाल में कुछ काला नहीं है तो आबकारी आयुक्त ने रेडिको खैतान रामपुर डिस्टलरी को मोलासेस जारी करने पर रोक क्यों लगा दी है। इसकी सूचना आज तक आबकारी आयुक्त कार्यालय को लिखित रूप से क्यों नहीं दी गई ।
डिस्टलरी में निम्नलिखित अनियमिताओं से जुड़े प्रश्न अनुत्तरित हैं
1- रेडिको खेतान रामपुर स्थित डिस्टलरी की उत्पादन क्षमता कैसे घट गई और इस संबंध में टेक्निकल सर्वे रिपोर्ट खामोश क्यों है। इस प्रश्न का उत्तर आबकारी के टेक्निकल डिपार्टमेंट को देना होगा। टेक्निकल के नॉन टेक्निकल प्रभारी अधिकारी सन्दीप मोडवेल को यह बताना होगा कि डिस्टलरी की उत्पादन क्षमता क्यों घटी और कब-कब यह डिस्टलरी बंद रही।
2- डिप्टी उत्पादन आयुक्त को यह बताना होगा कि जब डिस्टलरी की प्रोडक्शन यूनिट अपनी पूर्ण क्षमता से नहीं चल पा रही थी तो उसे पूर्ण क्षमता के मुताबिक मोलासेस क्यों रिलीज किया गया। उत्पादन आयुक्त को यह भी बताना होगा कि जितना मोलासेस रेडको खेतान को जारी किया उसके सापेक्ष रिकवरी प्राप्त की या नहीं।
3- प्रश्न आबकारी आयुक्त के संबंध में है उन्हें यह जानकारी कब मिली कि रामपुर स्थित रेडी को खेतान डिस्टलरी की प्रोडक्शन यूनिट बंद है। और उसके बाद उन्होंने क्या कार्रवाई की।
फिलहाल इस मामले की तह तक जाना जरूरी है क्योंकि प्रथम दृष्टया यहां पर लाखों कुंतल मोलासेस की हेरा फेरी की आशंका है।
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