लखनऊ। उत्तर प्रदेश सरकार कानून व्यवस्था के मुद्दे पर दूसरी बार रिपीट हुई थी लेकिन इस बार कानून व्यवस्था के मुद्दे पर योगी सरकार की अच्छी खासी फजीहत हो रही है। अभी हाल ही में सुल्तानपुर में डॉक्टर घनश्याम तिवारी की बेरहमी से हुई हत्या का मामला शांत भी नहीं हो पाया था कि देवरिया में हत्या के प्रतिशोध में ब्राह्मण परिवार के 6 लोगों की हत्या के बाद सरकार पूरी तरह सवालों के घेरे में है। योगी सरकार की छवि इन घटनाओं से काफी तार तार हुई है। इन दोनों घटनाओं में पुलिस प्रशासन की ढिलाई और उपेक्षा के चलते दबंगों ने बेरहमी से हत्या की। दोनों ही घटनाओं में जमीनी रंजीत का मामला सामने आया है और प्रकरण भी काफी पहले से चल रहा था लेकिन पुलिस महकने के भ्रष्टाचार के चलते दबंग के हौसले बुलंद हो गए।
उत्तर प्रदेश में कानून व्यवस्था पहले से ही सवालों के घेरे में है। कानपुर में ब्राह्मण परिवार की मां बेटी को झोपड़ी के साथ जिंदा जला दिया गया यहां भी पुलिस की भूमिका सवालों के घेरे में थी। कस्टडी में हाथी और उसके भाई की हत्या हो गई इसके बाद लखनऊ में भरी अदालत में एक विचाराधीन कैदी की गोली मार कर हत्या कर दी गई। हत्या अपहरण और बलात्कार की घटनाएं लगातार होती है जा रही हैं जिसकी वजह से योगी सरकार अब सवालों के घेरे में है। जिस मजबूत कानून व्यवस्था की वजह से योगी सरकार की वापसी हुई थी इस मुद्दे पर फिलहाल आज सरकार घिर गई है।
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