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आबकारी राजस्व लक्ष्य में पिछड़ने वाले जिलों पर गाज गिरनी तय, प्रयागराज समेत कई जनपदों के डीईओ पर हो सकती है बड़ी कार्रवाई:


63,000 करोड़ के वार्षिक लक्ष्य को हर हाल में हासिल करने के निर्देश, सीमावर्ती जिलों में अवैध मदिरा पर सख्त निगरानी का आदेश

लखनऊ, 6 नवंबर।
प्रदेश के आबकारी एवं मद्यनिषेध राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री नितिन अग्रवाल ने विभागीय समीक्षा बैठक में स्पष्ट निर्देश दिए कि वित्तीय वर्ष 2025–26 में आबकारी विभाग को 63,000 करोड़ रुपये का राजस्व लक्ष्य किसी भी दशा में प्राप्त करना होगा।
उन्होंने कहा कि जिन जनपदों में लगातार कमजोर प्रदर्शन हो रहा है, वहां के अधिकारियों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई की जाएगी।

मंत्री ने बताया कि माह अक्टूबर 2025 में प्रदेश में 4,508.22 करोड़ रुपये का राजस्व प्राप्त हुआ है।
अप्रैल से अक्टूबर तक की अवधि में विभाग ने 30,657.54 करोड़ रुपये (94.33%) राजस्व अर्जित किया है, जबकि लक्ष्य 32,500 करोड़ रुपये का था।
गतवर्ष की इसी अवधि में 26,330.87 करोड़ रुपये की प्राप्ति हुई थी,
जो वर्तमान वर्ष में 4,326.67 करोड़ रुपये (116.43%) अधिक है।


प्रयागराज समेत कई जनपद लक्ष्य से नीचे, अधिकारी हटाए जाएंगे

समीक्षा के दौरान यह पाया गया कि प्रयागराज, गाजियाबाद, नोएडा, बुलंदशहर और एटा जैसे प्रमुख जनपदों में राजस्व प्राप्ति लक्ष्य से काफी नीचे रही है।
मंत्री ने कहा कि जहां शराब की खपत अधिक है, वहां लक्ष्य से कम प्राप्ति किसी भी स्थिति में स्वीकार्य नहीं होगी।
सूत्रों के अनुसार, इन जिलों में लगातार कमजोर प्रदर्शन और राजस्व हानि के कारण कई जिला आबकारी अधिकारियों को हटाए जाने की तैयारी चल रही है।


सीमावर्ती जिलों में पंजाब–हरियाणा की शराब से राजस्व घाटा, बड़ी कार्रवाई संभावित

रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि वाराणसी, गाजियाबाद, गौतम बुद्ध नगर, बिजनौर, बागपत, मुरादाबाद और अलीगढ़ जैसे जिलों में
पंजाब और हरियाणा की शराब की बिक्री के चलते राज्य को भारी राजस्व घाटा हो रहा है।
इन्हीं कारणों से इन जिलों में बड़ी कार्रवाई की संभावना जताई जा रही है।
प्रयागराज में भी पंजाब–हरियाणा की शराब की बिक्री की वजह से यह जनपद
न्यूनतम राजस्व प्राप्ति वाले जिलों में शामिल हो गया है,
जहां अधिकारियों की तैनाती में व्यापक फेरबदल किया जाएगा।


प्रवर्तन कार्य और नई दुकानों के सर्वे पर जोर

मंत्री ने कहा कि कच्ची शराब के निर्माण, परिवहन और बिक्री पर पूर्ण रोक सुनिश्चित की जाए।
प्रदेश के सीमावर्ती व असेवित क्षेत्रों में नई दुकानों की संभावनाओं का सर्वे कराकर 15 दिनों में प्रस्ताव प्रस्तुत करने के निर्देश दिए गए।
उन्होंने कहा कि किसी भी स्थिति में अन्य राज्यों की मदिरा प्रदेश में प्रवेश न कर सके, इसके लिए
संवेदनशील इलाकों में प्रवर्तन दलों की विशेष तैनाती की जाएगी।


प्रशिक्षण, पारदर्शिता और जवाबदेही पर फोकस

आबकारी मंत्री ने कहा कि विभागीय अधिकारियों, निरीक्षकों और फील्ड स्टाफ के लिए
नियमित प्रशिक्षण एवं कार्यशालाएं आयोजित की जाएं ताकि प्रवर्तन कार्य की गुणवत्ता बढ़ सके।
उन्होंने यह भी कहा कि वर्तमान सरकार के कार्यकाल में अब तक किसी भी प्रकार की जनहानि या गंभीर अप्रिय घटना नहीं हुई है,
जो विभाग की सजगता और नियंत्रित प्रवर्तन व्यवस्था का परिणाम है।


बैठक में उच्चाधिकारियों की मौजूदगी

बैठक में अपर मुख्य सचिव श्रीमती वीना कुमारी,
आबकारी आयुक्त डॉ. आदर्श सिंह,
विशेष सचिव श्री अभिषेक आनंद,
और अपर आबकारी आयुक्त (प्रशासन) श्री नवनीत सेहारा सहित
विभागीय अधिकारी उपस्थित रहे,
जबकि जनपदीय अधिकारी ऑनलाइन माध्यम से बैठक में जुड़े।


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