

एक्सक्लूसिव: जेपी नड्डा हटाए गए! भाजपा के शीर्ष संगठन में खामोशी में बड़ा तख्तापलट
नई दिल्ली।
भारतीय जनता पार्टी के केंद्रीय संगठन में बड़ा और चौंकाने वाला बदलाव सामने आया है। पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव अरुण सिंह के नाम से जारी एक आधिकारिक पत्र ने राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी है। इस पत्र के मुताबिक भाजपा के संसदीय बोर्ड ने जेपी नड्डा को राष्ट्रीय संगठनात्मक जिम्मेदारी से हटाते हुए बिहार सरकार के मंत्री नितिन नवीन को पार्टी का राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष नियुक्त कर दिया है।
सबसे अहम बात यह है कि यह नियुक्ति तत्काल प्रभाव से लागू बताई गई है। यानी भाजपा संगठन में शीर्ष स्तर पर बदलाव बिना किसी सार्वजनिक घोषणा के कर दिया गया।
खामोशी में बदला गया शीर्ष नेतृत्व
अब तक भाजपा में राष्ट्रीय अध्यक्ष के रूप में जेपी नड्डा की भूमिका निर्विवाद मानी जाती रही है। लेकिन नए कार्यकारी अध्यक्ष की नियुक्ति के साथ ही यह साफ संकेत मिल रहा है कि पार्टी नेतृत्व में आंतरिक पुनर्संरचना कर दी गई है। सवाल यह उठ रहा है कि क्या जेपी नड्डा को साइडलाइन कर दिया गया है या यह बदलाव भविष्य की बड़ी रणनीति का हिस्सा है।
पत्र की सत्यता और गंभीरता
इस पत्र पर भाजपा के केंद्रीय कार्यालय की मुहर और अरुण सिंह के हस्ताक्षर मौजूद बताए जा रहे हैं। इतना ही नहीं, इसकी प्रतिलिपि सभी राष्ट्रीय पदाधिकारियों, प्रदेश प्रभारियों, प्रदेश अध्यक्षों और संगठन महामंत्रियों को भेजे जाने का उल्लेख है, जिससे इसे साधारण या फर्जी पत्र मानने से इनकार नहीं किया जा सकता।
पार्टी में बेचैनी, शीर्ष नेतृत्व मौन
सूत्रों के मुताबिक इस पत्र के सामने आते ही भाजपा के कई वरिष्ठ नेताओं में बेचैनी है। लेकिन हैरानी की बात यह है कि अब तक पार्टी की ओर से न तो खंडन आया है और न ही पुष्टि। यह चुप्पी खुद इस बदलाव को और गंभीर बना रही है।
बड़ा सवाल
- क्या जेपी नड्डा को वास्तव में हटा दिया गया है?
- क्या भाजपा में राष्ट्रीय अध्यक्ष पद की परिभाषा बदली जा रही है?
- या फिर यह बदलाव 2026–27 की चुनावी रणनीति का ट्रेलर है?
जब तक भाजपा केंद्रीय नेतृत्व इस पत्र पर स्थिति साफ नहीं करता, तब तक यह मामला भाजपा के इतिहास का सबसे रहस्यमय संगठनात्मक फेरबदल बनकर चर्चा में रहेगा।
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