
📰 प्रयागराज में आबकारी विभाग में घमासान — न
कैंप ऑफिस में डेरा डालकर अफसरों पर हमला, कमिश्नर की भूमिका पर उठे सवाल
प्रयागराज। आबकारी विभाग प्रयागराज में तैनात थोक अनुज्ञापन प्रभारी निरीक्षक शैलेंद्र तिवारी एक बार फिर विवादों के केंद्र में हैं। सूत्रों के अनुसार, तिवारी अपने नियमित कार्यों को छोड़कर आबकारी आयुक्त के कैंप कार्यालय में ही अधिकतर समय बिताते हैं, जिससे थोक अनुज्ञापन गोदामों का निरीक्षण और अन्य जिम्मेदारियां बुरी तरह प्रभावित हो रही हैं।
विभागीय सूत्रों का दावा है कि शैलेंद्र तिवारी विभागीय अधिकारियों के खिलाफ आरटीआई के माध्यम से सूचनाएं जुटाकर ब्लैकमेलिंग कर रहे हैं। बताया जा रहा है कि उन्होंने हाल ही में एक जॉइंट एक्साइज कमिश्नर, कुछ सहायक आबकारी आयुक्तों और एक जिला आबकारी अधिकारी के खिलाफ शिकायत भेजी है और कार्रवाई का अनुरोध किया है।
⚠️ मंत्री के करीबी अधिकारियों पर हमला
सूत्रों का कहना है कि निरीक्षक तिवारी की शिकायतों का निशाना विशेष रूप से आबकारी मंत्री के करीबी अधिकारी हैं। उनका उद्देश्य इन अधिकारियों को विवादों में फंसाकर विभागीय मंत्री के प्रभाव को कमजोर करना बताया जा रहा है।
यह भी आरोप है कि तिवारी कमिश्नर के इशारे पर मंत्री के करीबी अफसरों को निशाना बना रहे हैं, ताकि विभागीय सत्ता समीकरण को अपने पक्ष में किया जा सके।
विभागीय सूत्रों के अनुसार, तिवारी स्वयं को “आयुक्त के विशेष विश्वासपात्र” के रूप में प्रस्तुत करते हैं और उसी का लाभ उठाकर वरिष्ठ अधिकारियों के खिलाफ षड्यंत्र रचते हैं।
🔍 कमिश्नर की चुप्पी पर उठे सवाल
सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि इस पूरे प्रकरण में आबकारी आयुक्त ने निरीक्षक से कोई स्पष्टीकरण नहीं मांगा। शिकायतें संदिग्ध होने के बावजूद तिवारी के खिलाफ कोई कार्रवाई न होने से यह स्पष्ट संकेत मिल रहा है कि उन्हें ऊपरी संरक्षण प्राप्त है।
विभाग के कई अधिकारी मानते हैं कि इस मामले में कमिश्नर की भूमिका सवालों के घेरे में है, क्योंकि यदि निरीक्षक को अनुशासन तोड़ने की खुली छूट मिलेगी, तो विभागीय अनुशासन पूरी तरह समाप्त हो जाएगा।
🚨 विभागीय अनुशासन पर संकट
थोक अनुज्ञापन गोदामों की जिम्मेदारी निभाने के बजाय तिवारी लगातार कैंप ऑफिस में रहकर विभागीय अफसरों के खिलाफ फाइलें तैयार कर रहे हैं। एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया,
“तिवारी अब निरीक्षण का काम नहीं करते। उनका सारा समय कैंप ऑफिस में राजनीतिक समीकरण बनाने और आरटीआई के जरिए अफसरों को घेरने में बीतता है।”
इस रवैये से विभाग के अन्य अधिकारियों में भारी नाराज़गी है। कई अधिकारी अब यह मांग कर रहे हैं कि निरीक्षक शैलेंद्र तिवारी के खिलाफ तत्काल विभागीय जांच शुरू की जाए।
🏛️ अब शासन की निगाहें मामले पर
सूत्रों का कहना है कि यह मामला अब शासन स्तर पर पहुंचने की तैयारी में है। मंत्री के करीबी अधिकारियों ने इस पूरे विवाद की जानकारी शासन और मुख्यमंत्री कार्यालय को भेजने की बात कही है।
अब देखना यह होगा कि शासन निरीक्षक शैलेंद्र तिवारी और आबकारी आयुक्त की भूमिका पर क्या रुख अपनाता है — क्या कार्रवाई होगी या मामला फिर से दबा दिया जाएगा।
🗝️ मुख्य बिंदु (Highlights):
- निरीक्षक शैलेंद्र तिवारी पर आरटीआई के माध्यम से ब्लैकमेलिंग के आरोप
- आबकारी मंत्री के करीबी अधिकारियों को निशाना बना रहे हैं तिवारी
- कमिश्नर की चुप्पी से बढ़े सवाल
- अनुशासन नियमावली की खुलेआम अवहेलना
- शासन तक पहुंचा मामला, जांच की मांग तेज
📅 रिपोर्टर: संवाददाता
📍 स्थान: प्रयागराज
🕓 Updated: 1 नवंबर 2025




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