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सहायक आबकारी आयुक्त ने पकड़ी शराब तस्करी: निरीक्षक ने धमकी दी ‘भेज दूंगा जेल:

लखनऊ। आबकारी विभाग के शीर्ष अधिकारी अपने ही सहायक ही सहायक आबकारी आयुक्त से केवल इसलिए नाराज हो गए कि प्रयागराज के आबकारी गोदाम से शराब की तस्करी पकड़ ली। आग बबूला आबकारी निरीक्षक शैलेंद्र तिवारी ने ईआईबी में तैनात सहायक आबकारी आयुक्त अरविंद सोनकर को फोन पर धमकाया कि क्या तुम्हें फिर जेल जाना है। इस पर अरविंद सोनकर ने बताया कि हंडिया फूलपुर क्षेत्र  की कई लाइसेंसी दुकान पर निरीक्षण के दौरान हनुमान गंज की कम्पोजिट दुकान पर रियो ब्रांड की 14 साल पुरानी  अवैध कई बोतल शराब पकड़ी गई।

कमिश्नर आदर्श सिंह को लिखे पत्र में अरविंद सोनकर ने कहा है कि वह  21 मई 2025 को आबकारी निरीक्षक ईआईबी रेखा श्रीवास्तव तथा प्रधान आबकारी कांस्टेबल सुदेश कुमार के साथ प्रतिबंधित मदिरा की बिक्री रोकथाम अभियान के तहत प्रयागराज जनपद के हंडिया और फूलपुर में निरीक्षण कर रहे थे तो कंपोजिट दुकान हनुमानगंज निरीक्षण करते समय बियर/वाइन 15%/v/v ब्रांड रियो गोल्ड का स्कैन करते समय कुछ भी प्रदर्शित नहीं हो रहा था। अरविंद सोनकर ने पत्र में लिखा है कि जब स्कैन नहीं हुआ तो उन्होंने fl38 तो उसमें ब्रांड की निकासी दर्शायी  गई थी। अरविंद सोनकर ने पत्र में लिखा है कि जब इस प्रकरण की जानकारी देने के लिए  थोक अनुज्ञापन प्रभारी निरीक्षक शैलेंद्र तिवारी को फोन किया तो उन्होंने धमकी देते हुए कहा कि क्या तुम्हें फिर जेल जाना है। इस पर सहायक आबकारी आयुक्त ने पूरे मामले की जानकारी देने की कोशिश की लेकिन प्रभारी आबकारी निरीक्षक गोदाम प्रयागराज शैलेंद्र तिवारी ने अप शब्दों की बौछार कर दी। इतना ही नहीं 2 मिनट के भीतर वर्तमान में जॉइंट एक्साइज कमिश्नर मेरठ व प्रभारी जॉइंट एक्साइज कमिश्नर लखनऊ तथा जॉइंट एक्साइज कमिश्नर ईआइबी पूर्वी जोन दिलीप मणि त्रिपाठी का फोन आ गया। दिलीप मणि त्रिपाठी ने पहले अरविंद सोनकर को जमकर हड़काया और बाद में माना कि अरविंद सोनकर के साथ शैलेंद्र तिवारी ने गलत बात की।

यहीं पर सबसे गंभीर सवाल उठ रहा है कि प्रयागराज की गोदाम पर 14 साल पुरानी शराब दुकानों पर बिक रही है fl2 गोदाम से निकासी हो रही है। पोस मशीन से स्कैन नहीं हो रहा है और जब इसकी शिकायत हो रही है तो fl2 और cl2 का प्रभारी आबकारी निरीक्षक गाली गलौज कर रहा है इस पर कार्रवाई जॉइंट ईआइबी की हैसियत से दिलीप मणि त्रिपाठी ने क्यो नही की। इस प्रकरण में उन्होंने प्रभारी निरीक्षक और जिला आबकारी अधिकारी से स्पष्टीकरण क्यों नहीं लिया। एक और सवाल यह भी है कि जब सहायक आबकारी आयुक्त अरविंद सोनकर ने पूरे मामले की शिकायत आबकारी आयुक्त से की तो उन्होंने स्वयं इसका संज्ञान लेते हुए कोई कार्रवाई करने के बजाय इस शिकायत में सवालों के घेरे में आ रहे दिलीप मणि त्रिपाठी को ही जांच क्यों सौंप दी।

कुल मिलाकर इस प्रकरण में या खुलासा हो गया है कि प्रयागराज जनपद में बड़े पैमाने पर fl2 और cl2 से अवैध शराब की निकासी हो रही है और कंपोजिट दुकानों के जरिए बिक्री हो रही है जो भी अधिकारी इसको रोकने की कोशिश कर रहा है उसे ठिकाने लगाने की कोशिश भी हो  रही है। सबसे ज्यादा शर्मनाक और अफसोस की बात यह है कि आबकारी आयुक्त भी इसमें शामिल हैं।

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