महिला एवं बाल कल्याण विभाग में उड़ी ट्रांसफर पॉलिसी की धज्जियां:

लखनऊ। महिला एवं बाल कल्याण विभाग में ट्रांसफर पोस्टिंग में धांधली का विवाद रुकने का नाम नहीं ले रहा है। इस संबंध में कई मंत्रियों और विधायकों ने भी नाराजगी जाहिर की है लेकिन इसका असर डायरेक्टर संदीप कौर पर होता दिखाई नहीं दिया। बताया जा रहा है कि कई दागी और विवादित व्यक्ति जो सालों से जमे हुए हैं और अपने पद का दुरुपयोग कर रहे हैं उन पर डायरेक्टर की कृपा बरस रही है। कृपा क्यों बरस रही है बस यही जांच का विषय है। निदेशक स्तर से जो भी ट्रांसफर पोस्टिंग हुई है सब विवादों में है।
फिलहाल अवध भूमि न्यूज़ की पड़ताल में यह महत्वपूर्ण सवाल खड़े हुए हैं:
1.श्रीमती शक्ति त्रिपाठी जिला probation अधिकारी मिर्जापुर विगत 5 वर्ष से मिर्जापुर में तैनात हैं मंडलीय अधिकारी श्री पुनीत टंडन की शिकायत पर शासन द्वारा जांच के बाद भी शक्ति त्रिपाठी को क्यों नहीं हटाया गया?( 2)सुधाकर पांडे जो की पूर्व में 4 साल लखनऊ में dpo के पद पर तैनात रहे, जिला probation अधिकारी को पुनः
किस शासनादेश के अंतर्गत लखनऊ में ही 15 जून 2025 को डीपीओ बना दिया गया है? 3 .मेरठ मुरादाबाद नोएडा जैसे संस्था वाले जिले में डीपीओ की तैनाती न किया जाना एवं महत्वपूर्ण मंडल प्रयागराज कानपुर वाराणसी सहारनपुर में पूर्णकालिक डिप्टी क्यों नहीं तैनात किए गए . 4.निदेशालय / मुख्यालय में मात्र
एक उपनिदेशक के एक पद के सापेक्ष 6 से 8 साल से 5 से 6 अधिकारियों को शासन की नीति के विपरीत तैनात एवं संबंध क्यों रखा गया है नीता अहिरवार अनु सिंह 9 वर्ष से आशुतोष सिंह 6 वर्ष से निरंजन 8 वर्ष से पुष्पेंद्र सिंह एवं ओमकार यादव को क्यों तैनाती /संबद्धता
प्रदान किए गए हैं?
5.मुरादाबाद में उपनिदेशक श्री राजेश चंद्र गुप्ता को कमिश्नर की प्रतिकूल टिप्पणी के बाद भी क्यों नहीं 9 वर्षों से इन्हें हटाया जा रहा है? 6 .बृजेंद्र निरंजन को निदेशालय के प्रकरण में ही निलंबित होने एवं जांच परिचित रहने के दौरान भी अंतिम रूप से निदेशालय महिला कल्याण में ही क्यों तैनाती प्रदान की गई है जबकि 8 वर्षों से तैनात हैं ?7. श्री प्रवीण त्रिपाठी को गंभीर वित्तीय प्रकरणों में शिकायतों के बावजूद 6 माह पूर्व जीएम महिला कल्याण निगम के पद से हटाने के बाद भी दिनांक 14 जून 2025 को पुणे बिना जांच आख्या के निष्कर्ष के गम महिला कल्याण निगम के पद पर पुनः क्यों तैनाती प्रदान की गई ? 8. श्री प्रवीण त्रिपाठी ?उपनिदेशक लखनऊ मंडल के विरुद्ध श्री सुशील कुमार सिंह वाराणसी के शपथ पत्र पर की गई शिकायतें करोड़ों रुपए के जनपद वाराणसी के कार्यकाल उनके कार्यकाल के दौरान भ्रष्टाचार की गंभीर शिकायतों विषय प्रकरण की जांच को क्यों दबाए रखा गया है ? 9. श्री अमरेंद्र प्रोत्साहन जिनके विरुद्ध आयुक्त मिर्जापुर द्वारा 17 लाख रुपया गबन के प्रकरण में जिलाधिकारी सोनभद्र की प्रेषित रिपोर्ट के बावजूद भी उनके विरुद्ध वसूली की कार्रवाई क्यों नहीं की गई अपितु उनके अनुरोध पर संस्था के वाले महत्वपूर्ण जिले बलिया में इनका स्थानांतरण किस आधार पर कर दिया गया ? 10. श्री समर बहादुर के गोरखपुर मंडल में 10 वर्ष रहते हुए भी क्यों नहीं गोरखपुर से इनको हटाया गया ?11. श्री पंकज मिश्रा के विरुद्ध जनपद प्रयागराज में विगत 5 वर्षों की तैनाती के दौरान गंभीर वित्तीय शिकायत के बावजूद इनके इनको वाराणसी मंडल के वाराणसी जनपद में पुनः डीपीओ के पद पर किस आधार पर बना दिया गया जबकि यह प्रधानमंत्री का महत्वपूर्ण संसदीय क्षेत्र के साथ-साथ महत्वपूर्ण संवेदनशील जिला है
फिलहाल उपरोक्त सवालों का जवाब विभाग के जिम्मेदार अधिकारी देने से बच रहे हैं जिससे यह प्रकरण और गंभीर और संदेहास्पत लग रहा है। एक तरफ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भ्रष्टाचार को लेकर जीरो टॉलरेंस के लिए प्रतिबद्ध हैं और कई अधिकारियों की सेवा भी समाप्त हो गई है लेकिन फिर भी लगता है उनकी नजर अभी महिला एवं बाल विकास पर नहीं पड़ी तभी यहां उत्तर प्रदेश में सबसे ज्यादा भ्रष्टाचार की चर्चा है।
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