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कोनिया पुल पर शराब के नशे में भिड़े युवक, जिम्मेदारी से भाग रहे आबकारी अधिकारी


वाराणसी। आदमपुर और सारनाथ थाना क्षेत्र की सीमा पर स्थित कोनिया घाट पुल पर गुरुवार शाम शराब के नशे में धुत युवकों के बीच जमकर मारपीट हो गई। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार कुछ युवक बाइक और कार खड़ी कर पुल पर ही शराब पी रहे थे। किसी मामूली बात पर कहासुनी शुरू हुई जो देखते ही देखते हाथापाई और अफरा-तफरी में बदल गई।

राहगीर जान बचाकर भागे, जबकि स्थानीय लोगों ने बताया कि पुल पर शाम होते ही शराब पीने वालों का जमावड़ा लगना आम बात है।

कौन हैं जिम्मेदार

लोगों का कहना है कि इस तरह की घटनाओं के लिए क्षेत्रीय आबकारी निरीक्षक, जिला आबकारी अधिकारी और डिप्टी एक्साइज कमिश्नर सीधे तौर पर जिम्मेदार हैं।
आबकारी विभाग के उत्तर प्रदेश आबकारी अधिनियम 1910 की धारा 24(1) और नियम 21(3) के तहत यह स्पष्ट है कि –

“देशी शराब की दुकान में ही कोई व्यक्ति  शराब का सेवन कर सकता है। सार्वजनिक स्थान पर शराब का सेवन नहीं करेगा।”

इसके अलावा आबकारी नीति के खंड-7(ग) में यह प्रावधान है कि लाइसेंसधारी दुकानों के आसपास 100 मीटर की सीमा के भीतर शराब पीने या परोसने की अनुमति नहीं है, और अधिकारी नियमित निरीक्षण के लिए बाध्य हैं।

कौन-कौन से नियमों का उल्लंघन हुआ

  1. निरीक्षण में लापरवाही: आबकारी निरीक्षक और जिला अधिकारी नियमित क्षेत्रीय निरीक्षण करने के लिए बाध्य हैं, जो स्पष्ट रूप से नहीं किया गया।
  2. सार्वजनिक स्थान पर शराब सेवन की रोकथाम में विफलता: विभाग का यह दायित्व है कि किसी भी पुल, पार्क, घाट या सड़क पर शराब सेवन न हो।
  3. कंपोजिट दुकान नीति का पालन न होना: यह नीति दुकानों के बाहर शराब सेवन रोकने के लिए बनी थी, जिसका असर जमीनी स्तर पर नहीं दिख रहा।
  4. प्रशासनिक नियंत्रण का अभाव: डिप्टी एक्साइज कमिश्नर द्वारा अधीनस्थ अधिकारियों की जवाबदेही तय नहीं की गई।

क्या कार्रवाई होनी चाहिए

  • प्राथमिक जांच (डिपार्टमेंटल इन्क्वायरी) तत्काल शुरू की जाए।
  • संबंधित क्षेत्रीय आबकारी निरीक्षक को निलंबित कर जवाब तलब किया जाए।
  • जिला आबकारी अधिकारी से स्पष्टीकरण लिया जाए कि क्षेत्र में निरीक्षण क्यों नहीं हुआ।
  • डिप्टी एक्साइज कमिश्नर के स्तर पर लापरवाही के लिए प्रतिकूल प्रविष्टि (adverse entry) दर्ज की जाए।
  • भविष्य में ऐसे स्थानों पर संयुक्त गश्त (Excise + Police) की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए।

स्थानीय लोगों ने यह भी मांग की है कि कोनिया पुल को “संवेदनशील जोन” घोषित कर नियमित निगरानी और CCTV कवरेज की व्यवस्था की जाए।


क्या आप चाहेंगे कि मैं इस खबर के लिए एक ग्राफिक न्यूज़ कार्ड (अवध भूमि स्टाइल) भी बना दूँ — जिसमें ऊपर “कोनिया पुल पर नशे में भिड़े युवक” और नीचे “अब सवाल आबकारी अधिकारियों की जिम्मेदारी पर” लिखा हो?

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