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नई दिल्ली। आज ग्रेट पॉम्प एंड शो के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लखनऊ में जी-20 देशों की समिट का भव्य उद्घाटन किया लेकिन हिंडोन बर्ग के आरोपों के बाद भारत के पूंजी बाजार में जो कोहराम मचा है उसे लेकर विदेशी निवेशकों में जिस तरह की दहशत है ऐसे में ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट अपने लक्ष्य को पूरा कर पाएगी इसको लेकर तरह-तरह की आशंकाएं हैं।
लखनऊ शहर चमक रहा है। वृंदावन योजना में 10,000 से ज्यादा विदेशी मेहमानों का भारतीय संस्कृति के अनुरूप स्वागत सत्कार भी हो रहा है। उनके आवभगत में पैसा पानी की तरह बहाया जा रहा है। अखबारों में करोड़ों रुपए का विज्ञापन जारी किया गया है। देश दुनिया के चैनल ग्लोबल समिट का पल-पल का अपडेट लाइव कर रहे हैं। बावजूद इसके मेजबान और मेहमान के बीच हिंडोन बर्ग और अदानी के शेयर घोटाले की काली छाया दूर होने का नाम नहीं ले रही। विदेशी निवेशक अभी देश के प्रमुख उद्योगपति गौतम अडानी की कंपनियों की स्थिति पर नजर रखे हुए हैं। इस बीच बांग्लादेश म्यांमार थाईलैंड श्रीलंका मालदीव ब्रिटेन आस्ट्रेलिया आदि देशों में अदानी के कंपनियों को मिले तमाम ठेकों की जांच शुरू हो गई है और कई जगह पर समीक्षा भी शुरू हो गई। ग्लोबल सम्मिट से पहले इंग्लैंड के पूर्व प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन के भाई की कंपनी से अडानी के रिश्तो की जांच शुरू होने के बाद स्थिति और खराब हुई है।
इस बीच अंतरराष्ट्रीय शेयर बाजार की नियामक संस्था एससीआई ने अडानी के शेयरों की जांच का फैसला किया है जिससे अडानी की कंपनियों के शेयरों को लेकर बाजार में भारी अनिश्चितता देखी जा रही है। अनिश्चितता का प्रभाव भारत के पूंजी बाजार पर पड़ना तय है। मुश्किलों के दौर से गुजर रही भारतीय अर्थव्यवस्था और पूंजी बाजार को उबारने में ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट कितना सफल रहेगी या तो आने वाला समय ही बताएगा।
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