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लखनऊ। करोड़ों रुपए के भ्रष्टाचार में फंसा सभाजीत वर्मा एक और जहां अपनी सेवा विस्तार के लिए विभागीय मंत्री अपर मुख्य सचिव और कमिश्नर की चरण वंदना कर रहा है वही रिटायरमेंट से पहले डिस्टलरी कारोबारियों से अपनी विदाई के लिए मोटी रकम वसूलना चाहता है। मिली जानकारी के मुताबिक प्राविधिक अधिकारी सभाजीत वर्मा ने सभी डिस्टलरी को पत्र लिखकर कैरेमल खरीद का लेखा जोखा मांगा है। सभाजीत वर्मा ने डिस्टलरी को लिखे पत्र में यह जानकारी मांगी है की मदिरा निर्माण में कुल कितना किलोग्राम कैरेमल इस्तेमाल किया गया। कैरेमल कहां से मंगाया गया और किस रेट से मंगाया गया। सूत्रों का कहना है कि इस तरह की इंक्वायरी करने के पीछे सभाजीत वर्मा की एक सोची-समझी चाल है।
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साउथ इंडिया की कंपनी बुश को कैरेमल बाजार में लांच करने के लिए लिया है मोटी रकम
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक सभाजीत वर्मा ने दक्षिण भारत की एक कंपनी को उत्तर प्रदेश में डिस्टलरी द्वारा खरीदी जा रही कैरेमल में बड़ा हिस्सा दिलाने के लिए लगातार दबाव बनाया जा रहा है इसका कारण यह है कि सभाजीत वर्मा ने दक्षिण भारत की कंपनी बुश से सौदेबाजी कर कथित तौर पर करोड़ों रुपए एडवांस ले रखा है। और अब जब उसके रिटायरमेंट का समय है तो वह डिस्टलरी कारोबारियों को इस तरह के पत्र लिखकर अपनी मनसा पूरा करना चाह रहा है।
फिलहाल लक्स कंपनी का है दबदबा
उत्तर प्रदेश की ज्यादातर डिस्टलरी दक्षिण भारत की ही एक कंपनी लक्स से कैरेमल खरीदनी है। कहां जाता है कि कंपनी का बाजार भाव काफी कम है और डिस्टलरी कारोबारियों को यह सस्ता पड़ता है। लक्स कंपनी के कैरेमल बाजार हड़पने के लिए बुश कंपनी ने सभाजीत वर्मा के साथ मिलकर साजिश रची है। देखना है या प्रयास कितना सफल हो पाता है।
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