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न्यायालय के आदेश के बिना पुलिस न किसी को कब्जा दिलाएं और ना कोई कब्ज़ा हटाए, शिकायत मिलने पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी: डीजीपी डीएस चौहान

लखनऊ: उत्तर प्रदेश के डीजीपी डीएस चौहान ने सभी पुलिस अधिकारियों और कर्मियों को जमीनी विवाद (DGP DS Chauhan on land issue) के मामलों में कब्जा हटवाने या दिलाने की कार्रवाई नहीं करने के सख्त निर्देश दिए हैं. डीजीपी ने निर्देश देते हुए कहा है कि किसी भी स्थिति में थाना अध्यक्ष, सब इंस्पेक्टर या फिर कोई भी पुलिसकर्मी अपने स्तर पर जमीन पर कब्जा हटवाने और दिलाने का काम नहीं करेगा.

दरअसल, बीते एक मार्च को हाईकोर्ट ने डीजीपी डीजीपी को निर्देश दिया था कि किसी भी पक्ष का कब्जा हटवाने या दिलाने का कार्य राजस्व टीम और स्थानीय मजिस्ट्रेट की उपस्थिति और सक्षम आदेश के बाद ही किया जाए. किसी भी भूमि के विधिक स्वामी के अधिकारों में बिना न्यायालय या मजिस्ट्रेट के आदेश के अनावश्यक हस्तक्षेप न किया जाए. कोर्ट ने कहा था कि राजस्व विभाग, नगर निगम और विकास प्राधिकरण के माध्यम से भी ऐसे भूमि प्रकरण जिनमें हिंसा या विवाद की स्थिति हो, को भी चिह्नित कराकर भूमि विवाद रजिस्टर में दर्ज किया जाए.

गंभीर मामलों में संयुक्त टीम बनाकर वरिष्ठ अधिकारियों की मौजूदगी में विवादों का निस्तारण किया जाए. इससे पहले डीजीपी ने अवैध खनन के मामलों में भी पुलिसिया कार्रवाई को लेकर दिशा निर्देश जारी किए थे. डीजीपी ने कहा था कि स्थानीय थाना अवैध खनन के मामलों में सीधी कार्रवाई नहीं कर सकते है. इसके लिए यदि अवैध खनन होने की शिकायत मिलती है, तो वो खनन अधिकारी, एसडीएम और अपने क्षेत्राधिकारी को सूचित करेंगे. डीजीपी ने कहा था कि टोल नाका या फिर किसी अन्य नाका पर भी पुलिस बैरिकेडिंग लगा कर खनन कर रहे ट्रक की जांच नही करेंगे.

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