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आबकारी गन्ना और चीनी विभाग की साजिश का शिकार हुए गन्ना किसान:

प्रत्येक कुंतल गन्ना 4 किलो घटतौली के शिकार हुए किसान:

लखनऊ। आबकारी गन्ना और चीनी विभाग की साजिश के चलते गन्ना किसानों को कई सौ करोड रुपए का चूना लगा दिया गया है।

मिली जानकारी के मुताबिक चीनी मिलों पर जमकर घटतौली हुई । प्रति कुंतल 4 किलो अधिक गन्ना तौला गया जबकि मात्र एक कुंटल की ही पर्ची किसान को दी गई। इसका खुलासा उस समय हुआ जब प्रमुख सचिव के आदेश पर चीनी मिलों में आबकारी विभाग को भेजे गए अभिलेख के सापेक्ष चीनी मिलों के मोलासेस भंडार की जांच की गई तो पाया गया की आबकारी विभाग को चीनी मिलों ने अपने मोलासेस भंडार का जो विवरण दिया है उससे कहीं ज्यादा शीरा चीनी मिलों के पास है। कुल मिलाकर चीनी मिलों के पास 5 लाख कुंतल से अधिक शीरा का अवैध भंडारण पाया गया जबकि जितना गन्ना खरीदा गया था उसे 10% ज्यादा शीरा बन गया। इस मोलासेस से करोड़ों रुपए के अवैध शराब का उत्पादन हुआ जबकि कम से कम 50 करोड रुपए का उत्पादन शुल्क की क्षति हुई। इतना ही नहीं अवैध रूपसे तैयार एथेनॉल को डायरेक्ट पेट्रोल पंप को बेचकर मोटा मुनाफा कमाया गया और करोड़ों रुपए की जीएसटी चोरी की गई। इतने बड़े घोटाले की जानकारी होने के बाद भी आबकारी विभाग गन्ना विकास आयुक्त और चीनी मिल के प्रबंध निदेशक सभी खामोश है।

चोरी पकडे जाने के बावजूद जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं:

आबकारी गन्ना और चीनी विभाग के प्रमुख सचिव के पास इस घोटाले का पूरा साक्ष्य उपलब्ध है फिर भी अभी तक जिम्मेदार अधिकारियों के विरुद्ध किसी प्रकार की कोई कार्रवाई नहीं हुई जिसके चलते प्रमुख सचिव गन्ना विकास आयुक्त तथा चीनी मिलों के प्रबंध निदेशक सवालों के घेरे में हैं।

10 लाख कुंतल अवैध चीनी का उत्पादन

एक अनुमान के मुताबिक पकड़े गए अवैध मोलासेस के सापेक्ष लगभग 10 लाख कुंतल अवैध चीनी का भी उत्पादन हुआ है जिसका बाजार मूल्य लगभग 600 करोड रुपए से अधिक है या पैसा किसकी जेब में गया यह भी एक बड़ा सवाल है। इस पर सभी की खामोशी एक बड़े घोटाले की ओर इशारा कर रही है।

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