प्रसेन रॉय के आगे बेबस कमिश्नर और प्रमुख सचिव:
प्रमुख सचिव के निर्देश के बावजूद ग्रेडेशन लिस्ट लटकी :
कहीं आबकारी मुख्यालय में सक्रिय तो नहीं वसूली गैंग
प्रयागराज। एक तरफ आबकारी आयुक्त पूरे प्रदेश में विभाग के भ्रष्टाचार को लेकर सक्रिय हैं वहीं दूसरी ओर उनके ही मुख्यालय में 10 वर्ष से अधिक समय से अंगद के पांव की तरह जमा हुआ विवादित इंस्पेक्टर प्रसेनराय पर आंखें मूंदे बैठे हैं। प्राचीन राय पर आरोप है कि लगभग 7 वर्षों से इसने विभाग के अधिकारियों कर्मचारियों की एसीपी और एसीआर तक एंट्री नही की है जिसकी वजह से ग्रेडेशन लिस्ट नहीं बनी। ज्येष्ठता सूची प्रभावित हुई है। विभाग में आम चर्चा है कि एसीपी और एसीआर की एंट्री के लिए कम से कम ₹50000 की वसूली होती है यह वसूली उस समय होती है जब dpc होने वाली होती है। प्रकरण वर्तमान आबकारी आयुक्त के संज्ञान में है लेकिन वह अपने इस चहेते इंस्पेक्टर पर कार्रवाई नहीं करना चाहते भले ही उनकी सार्वजनिक रूप से बदनामी हो रही हो।
क्यों लटकी अंतिम जस्ट का सूची:
आबकारी मुख्यालय के पर्सनल में तैनात वसूली गैंग ने एक तगड़ा कांड कर दिया है जिसकी वजह से जेष्ठता सूची नहीं जारी हो पा रही है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार लिपिक संवर्ग से पदोन्नति पाकर उप निरीक्षक और निरीक्षक बन चुके लोगों की जब फिर से उप निरीक्षक से निरीक्षक और निरीक्षक से सहायक परिवर्तन आयुक्त पद के लिए डीपीसी हुई तो इसमें लिपिक संपर्क को अनुचित लाभ दिया गया नियमों के विपरीत लिपिक संपर्क से उप निरीक्षक और निरीक्षक बने कर्मचारी को उसकी प्रारंभिक नियुक्ति से ही जेष्ठता सूची की अवधि जोड़ ली गई जबकि नियमानुसार उप निरीक्षक या निरीक्षक के रूप में उसकी जॉइनिंग डेट से उसकी ज्येष्ठता सूची तय की जानी चाहिए। इस अनियमितता के चलते इंस्पेक्टर या उप निरीक्षक के रूप में सीधी भर्ती से नियुक्त हुए कर्मचारियों को बहुत ज्यादा नुकसान हुआ उनकी ज्येष्ठता सूची प्रभावित हो गई और वह पदोन्नति से भी वंचित हो गए। यह खेल प्रसेन राय के नेतृत्व में रचा गया। लाखों रुपए की वसूली हुई थी। प्रकरण शासन स्तर पर भी विचाराधीन है। ऐसे में कभी जांच हुई तो पूरा गैंग जेल जाएगा। अब अपनी इसी कमी को छुपाने के लिए अंतिम जेस्टा सूची जारी करने से यह वसूली गैंग डर रहा है उसे डर सता रहा है कि यदि उसने लिपिक संवर्ग से निरीक्षक और उप निरीक्षक की जेष्ठता सूची जिसमें भारी अनियमितता है उसे जारी कर दिया तो जेल जाना तय है
मुबारक अली पर भी उठ रहे सवाल:
मुबारक अली जिनकी ताबड़तोड़ पोस्टिंग को लेकर सवाल उठे हैं यह आबकारी आयुक्त की नाक के बाल होते हैं और इस समय आपकारी आयुक्त में इन्हें पर्सनल में पोस्ट कर रखा है। इनका काम इनका काम आबकारी आयुक्त के वैध अवैध आदेशों का पालन करना है। आबकारी मुख्यालय में जो वसूली गैंग है उससे उनके मधुर संबंध भी हैं इनकी वजह से भी ग्रेडेशन लिस्ट अटकी हुई है।
अनंतिम सूची पर भी उठे थे सवाल:
इसके पहले एक अनन्तिम सूची जारी हुई थी जिसमें कई त्रुटियां मिली थी। जेष्ठता सूची प्रभावित होने पर कुछ आबकारी अधिकारी और कर्मचारी अदालत के दरवाजे की चौखट खटखटा रहे हैं। बदनामी हो रही है लेकिन अल हकीम पर इसका कोई असर नहीं है।
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