कैंप कार्यालय में अवैध रूप से करोड़ों रुपए खर्च करने के लिए कौन जिम्मेदार:
टास्क फोर्स कैंप ऑफिस समेत सभी महत्वपूर्ण कार्यालय वापस लौटेंगे :
प्रयागराज। राजधानी के जागरण चौराहे पर आयकर भवन में कैंप ऑफिस की साज सज्जा और अलीशान फर्नीचर तथा ईआइबी , टास्कफोर्स , और ओएसिस ऑफिस स्थापित करने पर करोड़ों रुपए खर्च करने के बाद अब सामने आया है कि वित्त विभाग ने आयकर भवन में आबकारी विभाग के किसी भी ऑफिस को किराए पर देने की मंजूरी नहीं दी है और चल रहे सभी कार्यालय को अवैध घोषित कर दिया है इसके बाद सभी विभाग फिर से प्रयागराज मुख्यालय में वापस आ रहे हैं । अब सबसे बड़ा सवाल यह खड़ा हुआ है कि आबकारी मुख्यालय ने कैंप कार्यालय के नाम पर जो करोड़ों रुपए खर्च कर दिए उसकी वसूली कैसे होगी। इसके लिए कौन जिम्मेदार होगा। पूर्व प्रमुख सचिव संजय भूस रेड्डी ने पर्यावरण विभाग कैंपस में चल रहे आबकारी कैंप कार्यालय को गन्ना आयकर भवन में स्थानांतरित कर दिया लेकिन वित्त विभाग की कोई मंजूरी नहीं ली। बिना वित्त विभाग की मंजूरी के गन्ना संस्थान के कैंप कार्यालय में फर्नीचर और अन्य मदों में करोड़ों रुपए खर्च कर दिया। ऐसे में सवाल उठता है कि जब वित्त विभाग ने कैंप कार्यालय को ही अवैध घोषित कर दिया तो उसे पर खर्च हुई धनराशि के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं हो रही है। कहां जा रहा है कि पूर्व आबकारी आयुक्त सेंथिल पांडियन सी वर्तमान आयुक्त आदर्श सिंह और पूर्व प्रमुख सचिव संजय भूस रेड्डी के विरुद्ध शासन स्तर पर कार्रवाई होने वाली है। खबर यह भी है कि आबकारी मुख्यालय में लखनऊ कैंप कार्यालय में स्थानांतरित किए गए सभी विभागों के दफ्तर की रंगाई पुताई शुरू हो गई है और दीपावली या उससे पहले सारे दफ्तर यहां वापस आ जाएंगे।
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