निरीक्षण आख्या में डिप्टी आलोक कुमार ने लिखी मनोहर कहानियां:
लखनऊ। गोंडा में ईएनए घोटाले का तार जॉइंट ईआईबी जैनेंद्र उपाध्याय से भी जुड़ता दिखाई दे रहा है। जानकारी मिली है कि गोंडा जनपद से लाखों लीटर ईएनए तस्करी के जरिए झांसी जनपद के बॉर्डर पर स्थित जगदीश अग्रवाल की नौगांव डिस्टलरी पर पहुंच रहा था और यह सब जॉइंट ईआईबी जैनेंद्र उपाध्याय की जानकारी में था। जनपद की सभी प्रवर्तन इकाइयां जॉइंट ईआईबी जैनेंद्र उपाध्याय के नेतृत्व में ही काम करती हैं। अब यह जानकारी मिली है कि गोंडा जनपद में प्रवर्तन इकाइयों ने किसी प्रकार की कोई भी कार्रवाई कभी नहीं की। इसका कारण यह बताया जा रहा है कि डिप्टी एक्साइज कमिश्नर जनपद के सहायक आबकारी आयुक्त और स्टार लाइट डिस्टलरी में तैनात सहायक आबकारी आयुक्त तथा जैनेंद्र उपाध्याय की मिली भगत से स्टार लाइट ब्रोकन को हर प्रकार की जांच से छूट मिली हुई थी। जैनेंद्र उपाध्याय यह भी जानते थे कि स्टार लाइट ब्रोकन अपने नवाबगंज डिस्टलरी का एक भी शराब प्रोडक्ट का सैंपल कभी भी लैब में नहीं भेजा जिससे यह पता ही नहीं चल पाया कि स्टार लाइट की देसी शराब की तीव्रता का मानक गुणवत्ता क्या है। यह एक तरह से शराब सेवन करने वाले उपभोक्ताओं की जान के साथ खिलवाड़ भी था लेकिन फिर भी जैनेंद्र उपाध्याय की ओर से इस पर कोई कार्रवाई नहीं हुई। अब यह जानकारी खुलकर सामने आ रही है कि जैनेंद्र उपाध्याय डिप्टी एक्साइज कमिश्नर आलोक कुमार आबकारी आयुक्त प्रगाबल लवानिया और डिस्टलरी में तैनात सहायक आबकारी आयुक्त आरपी चौहान की मिली भगत से एक गेट पास से तीन-तीन ट्रक शराब अवैध रूप से निकासी होती रही है। शराब और ईरेक्ट्रीफाइड नेचुरल अल्कोहल अब तक लाखों लीटर अवैध रूप से प्रदेश की सीमा के बाहर मध्य प्रदेश और नेपाल भेजा जा चुका है जिसकी कोई जांच ही नहीं हो रही है।
आलोक कुमार की मनोहर कहानियां:
डिप्टी एक्साइज कमिश्नर आलोक कुमार ने अपनी निरीक्षण आख्या जो मुख्यालय में भेजी है उसमें तरह-तरह की मनोहर कहानियां लिखी है। उन्होंने निरीक्षण अच्छा रिपोर्ट में लिखा है कि उन्हें डिस्टलरी में तैनात सहायक आबकारी आयुक्त आरपी सिंह ने बताया कि 30 अक्टूबर 2024 को डिस्टलरी के टैंक नंबर 13 में इएनईए इनलेट से लीक होने की जानकारी मिली इस जानकारी के 10 दिन बाद यानी 11 नवंबर को वह स्वयं मौके पर पहुंचे तो देखा कि टैंक से ईएनए लीक हो गया है और टैंक में मात्र एक सेंटीमीटर तक ही ईएनए शेष रह गया है ऐसे में सबसे बड़ा सवाल यही उठता है कि जब सहायक आबकारी आयुक्त को 30 नवंबर को ही जानकारी मिल गई थी तो उन्होंने इएनए को दूसरे टैंक में शिफ्ट करने का उपाय क्यों नहीं किया या फिर इसकी रोकथाम के लिए तुरंत कदम क्यों नहीं उठाए।
कहीं इस वजह से तो नहीं गायब हुआ ईएनए:
अचानक 24000 लीटर ईएनए गायब होने का एक और एंगल सामने आ रहा है। कहां जा रहा है की प्रमुख सचिव के निर्देश के क्रम में 10 और 11 नवंबर को विभिन्न डिस्टलरी में शीरा और ईएनए के स्टॉक की क्रास चेकिंग के लिए गैर विभागीय टीम बनाई थी जिसकी वजह से गोंडा में शराब तस्कर और उनके समर्थक अधिकारियों में हड़कंप मचा था सबसे ज्यादा स्टार लाइट ब्रोकन में ही ईएनए का स्टॉक कम होने की आशंका थी क्योंकि यहीं से सबसे ज्यादा तस्करी हुई थी। स्टार लाइट को मुसीबत से बचाने के लिए जॉइंट ईआइबी जैनेंद्र उपाध्याय डिप्टी एक्साइज कमिश्नर लोक कुमार तथा सहायक आबकारी आयुक्त गोंडा प्रकल्प लवानिया और स्टार लाइट में तैनात सहायक आबकारी आयुक्त आरती चौहान ने यह मनोहर कहानियां गढ़ी थी।
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