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आबकारी विभाग की नकली वेबसाइट:

कमिश्नर ने दी चेतावनी:

लखनऊ।  आबकारी विभाग की नकली वेबसाइट के चलते आबकारी विभाग पूरी तरह हलकान है। बताया जा रहा है कि आबकारी विभाग की ऑफिशल वेबसाइट की एक फेक वेबसाइट भी चल रही है और बड़ी संख्या में ई लॉटरी के लिए लोग उस पर रजिस्ट्रेशन कर रहे हैं। यह जानकारी मिलते ही आबकारी आयुक्त और प्रमुख सचिव के होश उड़ गए। अराजकता और अव्यवस्था के बीच आबकारी आयुक्त को विभाग के x हैंडल पर आकर नकली वेबसाइट की जानकारी देनी पड़ी और असली वेबसाइट का लिंक भी बताना पड़ा। इसका कितना असर पड़ेगा कहना बहुत मुश्किल है।

सबसे बड़ा सवाल यही है कि आबकारी विभाग के समानांतर नकली वेबसाइट चल रही है और अभी तक इस वेबसाइट को बंद नहीं कराया जा सका है। यह बात गले नहीं उतर रही है कि इतने महत्वपूर्ण मामले में जिसे साइबर अपराध भी कहा जा सकता है विभाग का रवैया बहुत ही ढीला डाला है।

इस खेल में विभाग के ही कुछ अधिकारी हैं शामिल:

जानकारी मिली है कि इस खेल में कई बड़े शराब माफिया और आबकारी विभाग के एक रिटायर्ड एडिशनल कमिश्नर लाइसेंस जो इस समय जेम पोर्टल के माध्यम से ठेके पर विभाग की वेबसाइट की व्यवस्थापन का काम देख रहे हैं उनका ही खेल बताया जा रहा है। कहां जा रहा है कि हरिश्चंद्र श्रीवास्तव के एक रिश्तेदार जिनका नाम अशोक श्रीवास्तव है जो विभाग में कमिश्नर की मदद से पहले भी अवैध रूप से मैटर के नाम से अवैध रूप से विभाग की ऑफिशल वेबसाइट तक एक्सेस कर चुके हैं वही इस खेल में भी शामिल हैं।

क्या हो सकती है साजिश:

बताया जा रहा है कि उत्तर प्रदेश के एक बड़े शराब माफिया जिनकी प्रदेश में थोक और फुटकर दुकानों में मोनोपोली है उन्हें लाभ पहुंचाने के लिए ही यह षड्यंत्र रचा गया है। बताया जा रहा है कि सामान में लोग जो दुकानों के लिए आवेदन करना चाहते हैं वह विभाग की मूल वेबसाइट तक ना पहुंच सके इसके लिए ही यहां नकली वेबसाइट तैयार की गई। इस वेबसाइट को तैयार करने का उद्देश्य स्पष्ट रुप से लॉटरी को प्रभावित करना है। अगर शरम अधिकारी अपने उद्देश्य में सफल हो गए तो बहुत ही कम लोग आबकारी विभाग की मूल वेबसाइट तक पहुंच पाएंगे जिससे आबकारी विभाग के राजस्व में भारी कमी आ सकती है। दूसरी साजिश या हो सकती है कि शराब माफियाओं का बड़ा सिंडिकेट विभाग की मूल वेबसाइट तक अपनी पहुंच बन सकता है और इसे प्रभावित भी कर सकता है। फिलहाल यह बहुत बड़ी हैरानी की बात है कि हैकर ने विभाग की मूल वेबसाइट कॉपी करके हूं बहू वेबसाइट बना दी उस पर रजिस्ट्रेशन भी शुरू हो गया और विभाग लाचार नजर आ रहा है।

असली और नकली वेबसाइट को डिजाइन करने वाला एक ही आदमी है ऐसी आशंका जताई जा रही है।

नीचे दिया गया कर कोड ही आबकारी विभाग की लॉटरी का वास्तविक एड्रेस है इसको स्कैन करने के बाद आप विभाग की मूल वेबसाइट तक आसानी से पहुंच पाएंगे।

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