आबकारी विभाग के बड़े अधिकारी सवालों के घेरे में:

सीतापुर। बांदा जनपद में तैनात इंस्पेक्टर आलोक कनौजिया ने अपनी सर्विस रिवॉल्वर से गोली मार कर अपनी जान ले ली। इस घटना के बाद एक सुसाइड नोट मिला है जिसमें कथित तौर पर आबकारी विभाग के कई बड़े अधिकारियों पर उत्पीड़न का आरोप लगाया गया है। सुसाइड नोट में मृतक आबकारी निरीक्षक आलोक कनौजिया के अनुसार उन्हें लंबे समय तक सस्पेंड रखा गया और बहाल करने के बाद 6 साल तक फील्ड में पोस्टिंग नहीं की जिसकी वजह से वह स्वयं को अपमानित महसूस करते थे। मृतक आलोक की पत्नी बांदा में सहायक आबकारी आयुक्त के पद पर तैनात है।
बता दें कि आबकारी विभाग में मुख्यालय में एक वसूली गैंग इस समय डिप्टी कार्मिक कुमार प्रभात आबकारी निरीक्षक प्रसेन रॉय निरीक्षक राजकुमार यादव शैलेंद्र तिवारी का एक सिंडिकेट है जो अधिकारियों और इंस्पेक्टर को आरोप पत्र देने का धंधा करता है और वसूली करता है यह वसूली प्राय: कमिश्नर आदर्श सिंह के नाम पर की जाती है। आरोप इसलिए भी सच लगते हैं क्योंकि कमिश्नर आदर्श सिंह किसी भी पीड़ित आबकारी निरीक्षक उप निरीक्षक हेड कांस्टेबल या सिपाही से सीधे नहीं मिलते। आबकारी आयुक्त की ओर से सुनवाई मुबारक अली सहायक आबकारी आयुक्त प्रसेन कुमार रॉय जो कार्मिक में 15 वर्षों से तैनात हैं तथा राजकुमार यादव 32 वर्षों से कार्मिक विभाग में तैनात हैं और यह दोनों आबकारी आयुक्त के लिए वसूली का काम करते हैं । इनका ट्रांसफर क्यों नहीं किया गया और आबकारी आयुक्त के लिए लाडले क्यों हैं यदि इसकी जांच की जाएगी तो दूध का दूध पानी का पानी हो जाएगा।
More Stories
रमन सुंदरेश वेंकटेशन किसका जासूस:
आबकारी मुख्यालय पर खड़ी है बड़ी ट्रक: किसके आदेश पर ट्रक में लोड हो रहा है अलमारी और अभिलेख:
बिहार में 70 हजार करोड़ का गोलमाल: