
प्रयागराज। प्रयागराज के जिला आबकारी अधिकारी कार्यालय में तैनात रहे तथा डिप्टी एक्साइज कमिश्नर के मुंडेरा स्थित ऑफिस से संबद्ध कनिष्ठ सहायक राम कुमार सोनकर की 13000 रुपए नगदी के साथ गिरफ्तारी मामले में एंटी करप्शन ब्यूरो को अब बड़ी मछलियों की तलाश है। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक एंटी करप्शन ब्यूरो को यह जानकारी मिली है कि सिक्योरिटी मनी रिलीज करने की शुरुआत जिला आबकारी अधिकारी कार्यालय से होती है तथा संबंधित पत्रावली डिप्टी कार्यालय को भेजी जाती है वहां से अनुमोदित होकर जिलाधिकारी कार्यालय जाती है और वहां से वापस जिला आबकारी अधिकारी कार्यालय पहुंचती है इसके बाद सिक्योरिटी रिलीज की जाती है। और इसी समय लाइसेंसी ठेकेदारों से पैसे की डिमांड होती है। एंटी करप्शन ब्यूरो अपनी विवेचना में इस बात पर फोकस कर रहा है कि इतनी बड़ी रकम बाबू अपने वरिष्ठ अधिकारियों की गैर जानकारी में नहीं ले सकता ऐसे में वह किसके किसके लिए वसूली कर रहा था अब विवेचना में यह भी शामिल किया जा सकता है। कहा तो यहां तक जा रहा है कि रामकुमार सोनकर की कॉल डिटेल रिकॉर्डिंग भी खंगाली जा सकती है। ₹13000 की वसूली आरोपी लिपिक अपने लिए कर रहा था यह बात आसानी से एंटी करप्शन ब्यूरो के गले के नीचे नहीं उतर रही है। हाल फिलहाल विवेचना जारी है।
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