
लखनऊ। प्रदेश में बड़े पैमाने पर निवेश के लिए बार-बार प्रदेश के वरिष्ठ मंत्री और अधिकारी विदेशी दौरे पर जा रहे हैं और उनके साथ एक रहस्यमय व्यक्ति भी जा रहा है जिसका नाम रमन सुदेश वेंकटेशन बताया जा रहा है। प्रायःवह उत्तर प्रदेश में आयोजित होने वाली तमाम ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी में भी शामिल होता रहा है। हाल ही में वित्त मंत्री सुरेश खन्ना के साथ डेडीकेशन जापान के ओसाका में गया था इस डेलिगेशन का हिस्सा भी रमन सुंदरेष वेंकटेश था। प्रदेश के एक वरिष्ठ पत्रकार ने जब इस संबंध में पड़ताल की तो बहुत ही सनसनी खेज खुलासा हुआ। खुद रमन वेंकट सुंदरेश ने दावा किया है कि वह वर्ल्ड बैंक का कंसलटेंट है उत्तर प्रदेश में इन्वेस्टमेंट का काम देखता है मुख्यमंत्री कार्यालय और मुख्य सचिव से उसकी संबद्धता है लेकिन वेंकटेश यह नहीं बता पाया कि क्या उसकी कोई फर्म है जिसको प्रदेश सरकार ने बतौर कंसलटेंट हायर किया है या फिर राज्य सरकार ने किसी लेवल पर उसकी किसी पद पर पोस्टिंग की है। वेंकटेश की जिस बात ने पूरे मामले को रहस्यमय बनाया वह यह कि वह अपने खर्चे पर विदेश यात्राएं करता है निवेशकों से बात करता है और ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी में विदेशी निवेशक भाग लेते हैं। ऐसे में प्रश्न यहां उठना है कि वह जो करोड़ों रुपए खर्च करता है उसकी आय का स्रोत क्या है। दूसरा और महत्वपूर्ण सवाल है कि वह आखिर यह काम उत्तर प्रदेश में ही क्यों कर रहा है वह जिस राज्य से आता है वहां यह कार्य क्यों नहीं करता। तमाम ऐसे सवाल हैं जो पूरे प्रक्रिया को बेहद सन्देहास्पद बना दे रहे हैं। बताया जा रहा है कि यह मामला एक बार मुख्यमंत्री के संज्ञान में लाया गया था तब उनका यह स्टेटमेंट आया था कि सरकारी कार्यालय में कोई भी निजी स्टाफ नहीं रख सकता बावजूद इसके रमन सुंदर वेंकटेश किस हैसियत से जुड़ा हुआ है और उसके पास उत्तर प्रदेश के निवेश से जुड़ी तमाम फाइलों तक पहुंच कैसे बनी हुई है इसका जवाब ना मुख्य सचिव कार्यालय से आ रहा है और ना ही मुख्यमंत्री कार्यालय से।
कुछ लोगों ने इशारा किया है कि प्रदेश के एक पूर्व प्रमुख सचिव जो बहुत ही महत्वपूर्ण विभागों को संभाल रहे थे उन्होंने अमेरिका कनाडा ब्राज़ील और ब्रिटेन में रोड शो किया था तभी यह वेंकटेश उनके संपर्क में आया था कुछ लोग तो मानते हैं कि यह वेंकटेश उन्हीं का नजदीकी और रिश्तेदार है। हालांकि इसकी स्वतंत्र रूप से पुष्टि संभव नहीं है जब तक की इसकी जांच ना हो। लेकिन लोग इस बात से हैरान है की मुख्य सचिव और मुख्यमंत्री कार्यालय तक इस व्यक्ति की बेरोक टोक पहुंच बनी हुई है। आखिर उत्तर प्रदेश सरकार इस व्यक्ति के सामने लाचार क्यों है इस सवाल का जवाब मिलना बेहद जरूरी है।
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