
📰 धमाकेदार खबर 📰
प्रतापगढ़ में 40 लाख का इंटरलॉकिंग घोटाला!
PWD खंड-2 पर बड़ा आरोप, CDO जांच रिपोर्ट में खुलासा – बनी हुई सड़क को गायब दिखाकर कराया नया काम
प्रतापगढ़।
सड़वा चंद्रिका ब्लॉक के गौरा डांड़ से बृजराज सिंह महाविद्यालय तक लगभग 43 लाख की लागत से ग्रामीण अभियंत्रण सेवा (RES) द्वारा 2022-23 में 550 मीटर इंटरलॉकिंग सड़क बनाई गई थी।
लेकिन चौंकाने वाली बात यह है कि इसी सड़क पर लोक निर्माण विभाग खंड-2 (PWD) ने पीसी (Pitch Carpet) का नया काम करा दिया। न तो PWD ने RES से अनापत्ति प्रमाण पत्र (NOC) लिया और न ही पहले से बने कार्य को अपने एस्टीमेट में शामिल किया।
जांच में खुलासा – सड़क गायब या बेच दी गई!
शिकायत के बाद CDO ने जांच कमेटी बनाई। जांच में खुलासा हुआ कि PWD ने पहले से बनी इंटरलॉकिंग सड़क को गायब कर दिया या बेच दिया, जिसकी कीमत करीब 40 लाख रुपये आंकी गई।
अधिशासी अभियंता पर कार्रवाई ठप
लोक निर्माण खंड-2 के अधिशासी अभियंता बृजमोहन सिंह को जिम्मेदार मानते हुए प्रमुख अभियंता अशोक दुबे को 18 अगस्त 2025 को पत्र भेजा गया (पत्रांक संख्या 694/11-8-25)। लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई। सूत्रों का कहना है कि दोनों अधिकारियों के बीच नजदीकी संबंध हैं, जिसकी वजह से मामला दबा दिया गया।
गंभीर सवाल खड़े
- जब सड़क पहले से बनी थी, तो PWD ने NOC क्यों नहीं लिया?
- पहले से बने इंटरलॉकिंग मार्ग को छुपाकर नया एस्टीमेट क्यों बनाया गया?
- लगभग 40 लाख की इंटरलॉकिंग ईंटें आखिर गई कहां – गायब हो गईं या बेच दी गईं?
अगला कदम – FIR जरूरी
विशेषज्ञों का मानना है कि जब तक संबंधित अभियंता और ठेकेदार के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कर पुलिस पूछताछ नहीं होती, तब तक घोटाले का असली सच सामने नहीं आएगा।
⚡ प्रतापगढ़ का यह मामला जिले ही नहीं, बल्कि पूरे प्रदेश में लोक निर्माण विभाग की कार्यशैली पर सवाल खड़े कर रहा है।
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