अवधभूमि

हिंदी न्यूज़, हिंदी समाचार

राजा भैया के समर्थन में खुलकर उतरे बेटे: मां को बताया मौकापरस्त

राजा भैया विवाद पर घर से निकला तूफान: बेटों का मां पर सीधा वार, पिता के समर्थन में गरजे शिवराज और बृजराज

प्रतापगढ़ की सियासत में बवाल मचाने वाले राजा भैया विवाद ने अब नया मोड़ ले लिया है। रघुराज प्रताप सिंह उर्फ़ राजा भैया पर उनकी पत्नी भानवी सिंह द्वारा लगाए गए सनसनीखेज आरोपों के बीच उनके दोनों बेटे शिवराज सिंह और बृजराज सिंह ने मीडिया के सामने खुलकर बयान दिया और मां पर ही गंभीर आरोप जड़ दिए।


बेटों का बड़ा खुलासा

मीडिया से बातचीत में राजा भैया के बड़े बेटे शिवराज सिंह ने कहा कि उनकी मां भानवी सिंह “मौकापरस्त” हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि भानवी सिंह ने उनके पिता से 100 करोड़ रुपए की डिमांड की थी और इसके अलावा हर महीने 25 लाख रुपए की लगातार मांग करती रहीं।


मां पर सवाल, पिता की ढाल बने बेटे

शिवराज सिंह ने भावुक अंदाज़ में कहा –

“जब हमारी दादी यानी पिताजी की मां को हार्ट अटैक आया और पूरा परिवार संकट में था, तब मां ने घर छोड़ दिया। उस वक्त भी वह हमारे साथ नहीं थीं। अब वही मां पिताजी और पूरे खानदान की इज्ज़त को सड़क पर उछाल रही हैं।”


बृजराज सिंह का पलटवार

वहीं छोटे बेटे बृजराज सिंह ने अपनी मां पर और भी तीखे आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि भानवी सिंह के पास खुद उनके पिता से कहीं ज्यादा अचल संपत्ति है। उन्होंने तंज कसते हुए कहा –

“क्या उनके घर में कोई न्यूक्लियर रिएक्टर लगा है जो वह सामूहिक विनाश की बात करती हैं? आखिर यह कैसी राजनीति और कैसी कहानी गढ़ी जा रही है?”


बेटों के उतरने से राजा भैया का पक्ष मजबूत

बेटों के इस खुले समर्थन के बाद अब राजा भैया का पक्ष बेहद मजबूत हो गया है, वहीं भानवी सिंह का पक्ष काफी कमजोर दिखाई देने लगा है। अब यह विवाद सिर्फ पति-पत्नी के आरोप-प्रत्यारोप तक सीमित नहीं रहा बल्कि बच्चों की स्पष्ट लाइन ने तस्वीर साफ़ कर दी है।


बेटियों पर टिक गई निगाहें

इस बीच एक और पहलू भी अहम हो गया है। राजा भैया की दोनों बेटियां अपनी मां भानवी सिंह के साथ रहती हैं। अब सियासी और पारिवारिक गलियारों में यह सवाल उठ रहा है कि क्या बेटियां भी मां के समर्थन में सामने आएंगी और इस प्रकरण को और आगे बढ़ाएंगी, या फिर परिवार की दरार यहीं थम जाएगी।


👉 कुल मिलाकर, प्रतापगढ़ का यह पारिवारिक विवाद अब धमाकेदार राजनीतिक रंग ले चुका है। मां और बेटों की बयानबाज़ी ने न केवल परिवार को बांट दिया है बल्कि प्रतापगढ़ की राजनीति में भी भूकंप ला दिया है


About Author