
मुख्य सचिव की अध्यक्षता में अमृत 2.0 की 15वीं राज्य स्तरीय उच्चाधिकार संचालन समिति की बैठक संपन्न
लखनऊः मुख्य सचिव श्री एस.पी. गोयल की अध्यक्षता में अमृत 2.0 की 15वीं राज्य स्तरीय उच्चाधिकार संचालन समिति की बैठक आयोजित की गई।
मुख्य सचिव ने अपने संबोधन में स्पष्ट निर्देश दिए कि निर्माणाधीन एवं अनुमोदित परियोजनाओं के कार्यों को निर्धारित मानक एवं गुणवत्ता के साथ पूरा कराया जाये। कार्यों की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए थर्ड पार्टी इंस्पेक्शन अनिवार्य रूप से कराया जाए, ताकि शहरी जल आपूर्ति और अपशिष्ट प्रबंधन की योजनाएं जन-उपयोगी बन सकें।
बैठक में विस्तृत विचार-विमर्श के बाद मुख्य सचिव द्वारा कुल 37 परियोजनाओं को अनुमोदन प्रदान किया गया, जिनमें 26 पेयजल, 07 सीवर/री-यूज, 01 पार्क एवं ग्रीन स्पेस तथा 03 सरोवर परियोजनाएं शामिल हैं। इन परियोजनाओं की अनुमानित लागत सेन्टेज सहित 385036.70 लाख रुपये (लगभग 3850 करोड़ रुपये) है।
पेयजल की अनुमोदित 26 परियोजनाओं से मेरठ नगर निगम, मंझनपुर नगर पालिका परिषद (कौशाम्बी), गोसाईगंज नगर पंचायत (लखनऊ), शोहरतगढ़ नगर पंचायत (सिद्धार्थनगर), चोपन नगर पंचायत (सोनभद्र), चिरगांव नगर पालिका परिषद (झांसी), गौरा बरहज नगर पालिका परिषद (देवरिया), भदोही नगर पालिका परिषद (भदोही), हापुड़ नगर पालिका परिषद (हापुड़), देवरिया नगर पालिका परिषद (देवरिया), अयोध्या नगर निगम (अयोध्या), सम्भल नगर पालिका परिषद (संभल), मैनपुरी नगर पालिका परिषद (मैनपुरी), सैयदराजा नगर पंचायत (चंदौली), छितौनी नगर पंचायत (कुशीनगर), वाराणसी नगर निगम, हरदुआगंज नगर पंचायत (अलीगढ़), कारीकां धाता नगर पंचायत (फतेहपुर), सुल्तानपुर नगर पालिका परिषद (सुल्तानपुर), उसका बाजार नगर पंचायत (सिद्धार्थनगर), हमीरपुर नगर पालिका परिषद (हमीरपुर), कुरारा नगर पंचायत (हमीरपुर), महोबा नगर पालिका परिषद (महोबा), गोहाण्डा नगर पंचायत एवं सरीला नगर पंचायत (हमीरपुर) में गृह संयोजन, नए नलकूप, रिबोरिंग, उच्च जलाशयों की मरम्मत आदि कार्य कराए जाएंगे। इन प्रयासों से ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में स्वच्छ पेयजल की पहुंच बढ़ेगी तथा जल संकट से निपटने में सहायता मिलेगी।
सीवरेज की 07 अनुमोदित परियोजनाओं के तहत वाराणसी नगर निगम, गोरखपुर नगर निगम तथा वाराणसी के प्रभावित वार्डों और नव विस्तारित क्षेत्रों में सीवर लाइन बिछाने, गृह संयोजन एवं री-यूज सुविधाओं का विकास किया जाएगा, जो अपशिष्ट जल प्रबंधन को सशक्त बनाएगा। पार्क एवं ग्रीन स्पेस की एक परियोजना के अंतर्गत वाराणसी (छावनी बोर्ड) में 149.02 लाख रुपये की लागत से सद्भावना पार्क का निर्माण होगा, जो पर्यावरण संरक्षण और सामुदायिक स्थलों को बढ़ावा देगा। इसी क्रम में सरोवर की 03 परियोजनाओं से नगर पंचायत भारत भारी (सिद्धार्थनगर) में करौता तालाब, नगर पालिका परिषद शिकारपुर (बुलंदशहर) में बुढ़े बाबा दौज वाला तालाब तथा नगर निगम गाजियाबाद में डूडाहेडा तालाब का सौंदर्यीकरण एवं विकास कार्य किया जाएगा, जिससे जल स्रोतों का संरक्षण सुनिश्चित होगा।
बैठक में जनपद वाराणसी के नगर क्षेत्र की सीवरेज व्यवस्था को मजबूत बनाने के लिए 09 सीवरेज जोनों (डिस्ट्रिक्ट-I, डिस्ट्रिक्ट-IIA, डिस्ट्रिक्ट-IIB-IIC, 18 अत्यधिक प्रभावित वार्ड, दीनापुर, लमही, चितईपुर, लहरतारा, रामनगर) को कवर करने वाले सिटी वाटर एक्शन प्लान (सीडब्ल्यूएपी) के प्रस्ताव को 5559.25 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से स्वीकृति प्रदान की गई। इसके अतिरिक्त, वाराणसी नगर निगम के 18 अत्यधिक प्रभावित वार्डों (ओल्ड सिस वरुणा क्षेत्र के 16 वार्ड तथा ट्रांस वरुणा क्षेत्र के 02 वार्ड) में पेयजल व्यवस्था हेतु प्रस्तावित योजना को सैद्धांतिक स्वीकृति प्रदान की गई। अमृत 2.0 योजना के अंतर्गत जनपद बाराबंकी की 03 नगर पंचायतों (रामसनेही घाट, दरियाबाद एवं टिकैतनगर) के 57.85 करोड़ रुपये लागत वाले सिटी वाटर एक्शन प्लान को योजना में सम्मिलित कर पेयजल परियोजनाओं के क्रियान्वयन की सैद्धांतिक मंजूरी दी गई।
अन्य महत्वपूर्ण निर्णयों में अमृत 2.0 के तहत उत्तर प्रदेश की 200 नगर पालिका परिषदों में जीआईएस तकनीक आधारित संपत्ति कर एवं यूटिलिटी सर्वेक्षण के प्रस्ताव को अनुमोदन प्रदान किया गया। इस सर्वेक्षण से संपत्ति कर के दायरे और संग्रहण क्षमता में वृद्धि होगी, जिससे नगर निकायों की वित्तीय आत्मनिर्भरता बढ़ेगी। सर्वेक्षण में मौजूदा संपत्तियों की पहचान, नई संपत्तियों का समावेश तथा अपूर्ण डेटा को अद्यतन किया जाएगा।
भारत सरकार के आवासन एवं शहरी कार्य मंत्रालय के दिशा-निर्देशों के अनुपालन में अमृत मित्र-अमृत 2.0 एवं डे-एनयूएलएम के संयुक्त तत्वावधान में ‘अभियान एक पेड़ माँ के नाम’ के अंतर्गत स्वयं सहायता समूहों की महिलाओं द्वारा पेड़ लगाने एवं उनकी उत्तर-जीविता सुनिश्चित करने के प्रस्ताव को भी अनुमोदन प्रदान किया गया। स्वयं सहायता समूह की महिलाओं द्वारा वृक्षों की नियमित सिंचाई, निराई, कीटनाशक एवं उर्वरक का छिड़काव किया जाएगा, तथा सूखे वृक्षों की जगह नए रोपे जाएंगे। कार्यादेश अमृत नोडल अधिकारी द्वारा प्रदान किए जाएंगे, जो पर्यावरण संरक्षण में महिलाओं की भूमिका को सशक्त बनाएगा।
More Stories
फडणवीस बोले – भाजपा ऑर्गेनिकली ग्रो कर रही, संघ अब सिर्फ वैचारिक सहयोग तक
आबकारी विभाग में एक बड़ा वेतन घोटाला:
प्रतापगढ़ में फल फूल रहा नकली व मिलावटी सोने – चांदी का कारोबार: