प्रतापगढ़। जिला पूर्ति अधिकारी रीना कुमारी ने बताया है कि यदि कोई कार्डधारक अपात्र (समस्त आयकर दाता, चार पहिया वाहन, टै्रक्टर, हारवेस्टर, वातानुकूलित यंत्र, 05 के0वी0ए0 या अधिक क्षमता के जनरेटर वाले परिवार, 05 एकड़ से अधिक सिंचित भूमि, 01 से अधिक शस्त्र लाइसेंस, दो लाख रूपया प्रति वर्ष या अधिक संयुक्त आय वाले परिवार) होते हुये तथ्य छिपाकर योजना का लाभ ले रहा है तो इस स्थिति में अपना राशनकार्ड क्षेत्रीय आपूर्ति कार्यालय, खण्ड विकास अधिकारी कार्यालय या जिला पूर्ति अधिकारी कार्यालय में लिखित रूप से समर्पित कर दें, अन्यथा की स्थिति में तथ्य प्रकाश में आने पर राशनकार्ड निरस्त करते हुये नियमानुसार विधिक कार्यवाही भी की जायेगी जिसकी सम्पूर्ण जिम्मेदारी सम्बन्धित राशन कार्डधारक की होगी। उन्होने यह भी बताया है कि जनपद में नगरीय क्षेत्र में 63.44 प्रतिशत व ग्रामीण क्षेत्र में 78.27 प्रतिशत जनसंख्या राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम 2013 के अन्तर्गत आच्छादित है। इस प्रकार बहुत कम यूनिट लक्ष्य के सापेक्ष अवशेष है। उन्होने यह भी बताया है कि राशनकार्ड सभी के लिये नही है बल्कि यह जरूरतमंद लोगों के लिये है। अतः इन्क्लूजन क्राइटेरिया (भिक्षावृत्ति, घरेलू कामगाज, जूते चप्पल की मरम्मत करने वाले, फेरी लगाने वाले-खोमचे वाले, रिक्शा चालक आदि, कुष्ठ रोग/एड्स से पीड़ित, अनाथ/माता पिता विहीन बच्चे, स्वच्छकार, दैनिक वेतन भोगी मजदूर यथा-कुली, पल्लेदार आदि, भूमिहीन मजदूर, परित्यक्त महिलायें, ऐसे परिवार जिनका मुखिया निराश्रित, महिला, विकलांग अथवा मानसिक रूप से विक्षिप्त है एवं इस परिवार में कोई अन्य बालिग पुरूष नही है, आवासहीन परिवार एवं किन्नर समुदाय के सदस्य जो एक्सक्लूजन क्राइटेरिया में न आते हो) के अन्तर्गत आने वाला परिवार यदि राशन कार्ड से वंचित है तो अपने खण्ड विकास अधिकारी कार्यालय या उपजिलाधिकारी कार्यालय और नगर क्षेत्र में क्षेत्रीय पूर्ति निरीक्षक के समक्ष आवेदन कर सकत है।
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