
लखनऊ। आबकारी चीनी और गन्ना विभाग की प्रमुख सचिव बीना कुमारी मीना को रिटायर्ड प्रमुख सचिव संजय भूसरेड्डी रबर स्टैंप की तरह इस्तेमाल कर रहे हैं। विश्वसनीय सूत्रों ने दावा किया है कि गन्ना चीनी और आबकारी विभाग के सभी बड़े फैसले प्रमुख सचिव बीना कुमारी मीना संजय भूसरेड्डी से पूछ कर ही ले रही हैं।
आबकारी गन्ना और चीनी में संजय भूसरेड्डी ने कई अधिकारियों को मनमाने ढंग से दंडित किया था उनके रिटायर होने के बाद इसकी सुनवाई वर्तमान प्रमुख सचिव मीना कुमारी मीना को करना है लेकिन कहा जा रहा है कि गन्ना संस्थान में संजय संजय भूसरेड्डी और वर्तमान प्रमुख सचिव के बीच एक गोपनीय बैठक हुई है इस बैठक में संजय भूसरेड्डी ने प्रमुख सचिव से ऐसे अधिकारियों कर्मचारियों को राहत नहीं देने को कहा है जिन्हें उन्होंने अपने कार्यकाल में दंडित किया था। कहा तो यहां तक जा रहा है की तमाम अधिकारियों और कर्मचारियों के लिस्ट भूसरेड्डी ने वर्तमान प्रमुख सचिव को दे दिया है। भूसरेड्डी के फरमान का असर भी दिखाई दिया है। वर्तमान प्रमुख सचिव मीना कुमारी मीना ने करीब 2 वर्षों से निलंबित चल रहे बरेली के पूर्व जिला आबकारी अधिकारी राजेश्वर को सुनवाई के दौरान किसी भी तरह से राहत देने से इंकार कर दिया। इसी तरह अपनी सुनवाई में इसके पूर्व निलंबित चल रहे जॉइंट आरबी पाठक को भी कोई राहत नहीं दी इन दोनों प्रकरण में प्रमुख सचिव ने संजय भूसरेड्डी की राय से ही फैसले किए।
डिप्टी और जॉइंट की डीपीसी में भी होने वाला है बड़ा खेल
संजय भूसरेड्डी की नजर 14 अगस्त को होने वाली डिप्टी और जॉइंट की डीपीसी पर भी है। माना जा रहा है कि इस डीपीसी में उन्हीं लोगों की लॉटरी लगेगी जिसके सिर पर संजय भूसरेड्डी का हाथ होगा। संजय भूसरेड्डी का करीबी प्रसेन राय इस खेल का मास्टरमाइंड बताया जा रहा है।
मंत्री से मिलने पर हटाए गए जॉइंट उमेश तिवारी:
प्रमुख सचिव बीना कुमारी मीना संजय भूसरेड्डी के रास्ते पर चल रही हैं। जिस तरह संजय भूसरेड्डी ने विभागीय मंत्री को सभी तरह के फैसले से दरकिनार रखा था ठीक उसी तरह वर्तमान प्रमुख सचिव ने भी मंत्री से दूरी बना ली है। कहा जा रहा है कि विभाग के ज्वाइंट सेक्रेट्री उमेश तिवारी ने विभाग के मंत्री से मुलाकात की थी जिसके बाद नाराज होकर प्रमुख सचिव ने उन्हें हटवा दिया।
सभी फसलों में दखल दे रहे संजय भूस रेड्डी:
वर्तमान प्रमुख सचिव पर संजय भूसरेड्डी का इतना ज्यादा दबाव है कि वह कोई भी फैसला अपनी मर्जी से नहीं कर पा रही हैं। आबकारी विभाग में बड़े पैमाने पर ट्रांसफर पोस्टिंग में धांधली हुई थी इसको लेकर प्रमुख सचिव कार्रवाई चाहती थी लेकिन संजय भूसरेड्डी के दबाव में उन्होंने अपने कदम पीछे खींच लिए।
एडिशनल चार्ज देने में मनमानी
सूत्रों का यहां तक कहना है कि कई अधिकारियों को एडिशनल चार्ज देने में भी संजय भूसरेड्डी ने ही फैसला किया। कमिश्नर ने कई अधिकारियों को अतिरिक्त चार्ज दे दिया और प्रमुख सचिव से पूछा तक नहीं माना जा रहा है कि कमिश्नर ने संजय भूसरेड्डी की सलाह पर कई अधिकारियों को अतिरिक्त चार्ज दे दिया।
कुल मिलाकर कहा जा सकता है कि संजय भूसरेड्डी इस समय गन्ना चीनी और आबकारी विभाग में अवैध रूप से पूरी तरह सक्रिय हैं और गैर जिम्मेदाराना ढंग से मनमाने फैसले कर रहे हैं जिस पर वर्तमान प्रमुख सचिव मोहर लगा रही है।
More Stories
जो जितना भ्रष्ट कमिश्रर का उतना ही करीबी: वेब ग्रुप के वफादार सबसे भ्रष्ट ACE परशुराम दुबे को मिला डिप्टी शीरा उत्पादन का चार्ज:
मस्जिद और चर्च में भी जाना चाहिए: मोहन भागवत
प्रसेन राय का खेल शुरू: एसीपी और एसीआर सर्विस बुक में एंट्री के लिए इंस्पेक्टर से शुरू हुई मोटी वसूली: एडिशनल और कमिश्नर के संज्ञान में चल रहा खेल :