नई दिल्ली: देश में 86 ताप बिजली संयंत्रों के पास 18 अक्टूबर तक कोयले भंडार ‘गंभीर’ स्तर पर था। इनमें से छह संयंत्र आयातित ईंधन पर आधारित हैं। केंद्रीय बिजली प्राधिकरण (सीईए) की एक रिपोर्ट से यह जानकारी मिली
किसी बिजली संयंत्र में कोयला भंडार की स्थिति तब गंभीर मानी जाती है, जब उसके पास कोयले का भंडार सामान्य स्तर की तुलना में 25 प्रतिशत से भी कम रह जाता है।
सीईए की 18 अक्टूबर 2023 की दैनिक रिपोर्ट के अनुसार, देश में निगरानी वाले 181 ताप बिजली संयंत्रों में से 86 में कोयला भंडार की स्थिति गंभीर हैं। इन 86 में से छह आयातित कोयला आधारित संयंत्र हैं।
सीईए देश में 206 गीगावॉट की कुल स्थापित उत्पादन क्षमता वाले 181 कोयला आधारित ताप बिजली संयंत्रों की निगरानी करता है।
सीईए की निगरानी के तहत आने वाले 15 आयातित कोयला-आधारित बिजली संयंत्रों में कोयला भंडार की स्थिति बेहतर थी। इन संयंत्रों के पास सामान्य स्तर से 52 प्रतिशत कोयले का भंडार था। इन 15 आयातित कोयला आधारित संयंत्रों की कुल उत्पादन क्षमता 17 गीगावाट है।
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