पंजाब से 1 लाख लीटर ईएनए इंपोर्ट करने के लिए जारी किया गया था परमिट:
लखनऊ। गोंडा जनपद के नवाबगंज स्थित स्टार लाइट डिस्टलरी में 100000 लीटर ईएनए चोरी का एक और मामला सामने आ गया है। मिली जानकारी के मुताबिक यह प्रकरण वर्ष 2020 का है। तत्कालीन डिप्टी एक्साइज कमिश्नर कार्यालय से स्टार लाइट डिस्टलरी को पंजाब से 50 -50 हजार लीटर ईएनए आयत के लिए दो परमिट जारी किए गए। अब यह कहां जा रहा है कि ईएनए गोंडा जनपद में पहुंचकर गायब हो गया। इसकी शिकायत भी गोंडा जनपद के नवाबगंज थाने में की गई है। पुलिस का मानना है कि अब तक कुल लगभग 2 लाख 8 हजार लीटर ईएनए मामला मला आई एन ए छोरी तक का ही नहीं है मला ए एन ए छोरी तक का ही नहीं है जिसे चोरी बताया जा रहा है वास्तव में वह स्टार लाइट डिस्टलरी में शराब बनाने के काम में इस्तेमाल किया गया और इसकी अवैध निकासी करके गोंडा और आसपास के जनपदों में बिना ड्यूटीपेड किए इसको बेच लिया गया है। पुलिस के मुताबिक मामला ईएनए चोरी तक का ही नहीं है बल्कि यह 500000 लीटर शराब घोटाले का है। इस घोटाले से आबकारी विभाग को तकरीबन 12 करोड रुपए की राजस्व नुकसान हुआ है। घोटाले के तार पंजाब मध्य प्रदेश छत्तीसगढ़ और नेपाल से भी जुड़े हुए हैं। इस घोटाले में वर्तमान डिप्टी एक्साइज कमिश्नर देवीपाटन मंडल वर्तमान जॉइंट एक्साइज कमिश्नर लखनऊ के अलावा जॉइंट टास्क फोर्स की मिलीभगत साफ तौर पर देखी जा रही है।
घोटाले की जांच को लेकर गंभीर नहीं आबकारी आयुक्त:
आदर्श सिंह के रवैया से ऐसा लग रहा है कि वह इस घोटाले को लेकर कतई गंभीर नहीं है। ऐसा इसलिए कहा जा रहा है क्योंकि उन्होंने डिस्टलरी में तैनात सहायक आबकारी आयुक्त राम प्रीत चौहान जिनके खिलाफ चोरी की साजिश में शामिल होने का आरोप लगाकर प्राथमिकी दर्ज कराई गई है उन्हें चार्ज शीट देने और निलंबित करने के बजाय बस्ती की एक डिस्टलरी में फिर से महत्वपूर्ण पोस्टिंग दी गई है । दरअसल आबकारी आयुक्त नहीं चाहते कि इस घोटाले का पर्दाफाश हो। कुछ लोगों का मानना है कि आबकारी आयुक्त को पता है कि घोटाले के तार आबकारी मुख्यालय तक जुड़ते हैं जो सीधे आबकारी आयुक्त को भी कटघरे में खड़ा कर सकते हैं इसलिए आबकारी आयुक्त अभी तक इस घोटाले को दबाने की अपनी ओर से पूरी कोशिश कर रहे हैं कहां जा रहा है कि यह मामला पुलिस या तो एसटीएफ को सौंपेगी अथवा इसकी शासन स्तर पर जांच करने की मांग करेगी।
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