नई दिल्ली। आज अचानक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का रुख फिलिस्तीन के लिए नरम हो गया और उन्होंने फिलिस्तीन के राष्ट्रपति महमूद अब्बास से फोन पर बात की तथा फिलिस्तीन के प्रति अपना समर्थन दोहराया।
माना जा रहा है कि कुछ दिन पहले इजराइल का समर्थन करने के बाद खाड़ी देशों और इस्लामी देशों के संगठन की संभावित नाराजगी को कम करने के लिए प्रधानमंत्री ने यह कदम उठाया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बदले रुक का कारण अदानी और अंबानी के व्यवसाय को बताया जा रहा है। माना जा रहा है कि सऊदी कंपनी अरामको जो सबसे बड़ी तेल कंपनी है उसका भारत में रिलायंस के साथ तेल और गैस के क्षेत्र में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मर्जर की बात चल रही है
इस बीच इसराइल हमास युद्ध में इजराइल का साथ देने के चलते नाराज सऊदी अरब की कंपनी ने कथित तौर पर रिलायंस के साथ अपना संबंध तोड़ने की धमकी दी थी। अरामको द्वारा इसका प्रभाव देखने में आया और अपने पहले वाले रुख से पलटते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने फिलिस्तीन के गजा में हुए हमले पर अपनी शोक संवेदना व्यक्ति करते हुए फिलिस्तीन का समर्थन किया।
भारतीय प्रधानमंत्री ने फिलिस्तीन के राष्ट्रपति महमूद अब्बास से बात की है. इस बातचीत के दौरान पीएम मोदी ने गाजा के अल अहली अस्पताल में नागरिकों की मौत पर भी अपनी संवेदना व्यक्त की.
पीएम मोदी ने इस दौरान स्पष्ट किया कि भारत फिलिस्तीन के लोगों के लिए मानवीय मदद जारी रखेगा. क्षेत्र में आतंकवाद, हिंसा और बिगड़ती सुरक्षा स्थिति पर अपनी गहरी चिंता साझा की. इजरायल-फिलिस्तीन मुद्दे पर भारत की लंबे समय से चली आ रही सैद्धांतिक स्थिति को दोहराया.
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