अयोध्या: राम जन्मभूमि मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा समारोह के अवसर पर प्रधानमंत्री द्वारा यह कहने पर कि मुझे दैवीय शक्ति मिल गई है और आने वाले 1000 साल के बाद का भारत कैसा होगा स्पष्ट रूप से देख सकता हूं। उनके इस वक्तव्य पर संघ प्रमुख मोहन भागवत ने आडे हाथों लेते हुए कहा कि धर्म को धंधा नहीं बनना चाहिए। अब देश की चिंता करने का समय आ गया है। धर्म को सत्ता पाने का माध्यम नहीं बनाया जाना चाहिए। देश में और भी समस्याएं हैं उन पर ध्यान देने की जरूरत है। माना जा रहा है कि मोहन भागवत का यह बयान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ उनकी तल्खी को जाहिर करता है।
रामराज्य के सामान्य नागरिकों का जो वर्णन है, हम सब इस भारत देश की संतानें हैं. हमें सारी कलह को विदाई देनी पड़ेगी, छोटी-छोटी कलह को लेकर लड़ाई करने की आदत छोड़नी होगी.
#सभी सत्य, करुणा, सुचिता, अनुशासन और परोपकार के लिए आगे बढ़ें. अपने जीवन में लालच छोड़कर अनुशासन में रहने से रामराज्य आएगा.
सभी सत्य, करुणा, सुचिता, अनुशासन और परोपकार के लिए आगे बढ़ें. अपने जीवन में लालच छोड़कर अनुशासन में रहने से रामराज्य आएगा.
#सब मिलकर चलेंगे और अपने देश को विश्व गुरु बनाएंगे. पांच सौ वर्ष के संघर्ष के बाद ये घड़ी आई है. आज के दिन जिन्होंने संघर्ष किया उन्हें याद करने का दिन है. उनका ये व्रत हमें आगे लेकर जाना है. जिस धर्म स्थापना को लेकर रामलला आए हैं, उनका आदेश सिर पर लेकर हम यहां से जाएं.
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