बुलन्दशहर। अपने चहेते व्यक्ति को जनपद के जहांगीराबाद 1 और जहांगीराबाद तीन देसी शराब की दुकान दिलाने के लिए टेंडर में भारी गड़बड़ी कर दी और उपरोक्त दुकानों के लिए टेंडर डालने वाले विजय पाल सिंह और जितेंद्र भारती का टेंडर फॉर्म ही गायब कर दिया।
इस संबंध में पीड़ित विजयपाल सिंह ने अवध भूमि न्यूज़ से बात करते हुए बताया कि डीईओ राजेंद्र कुमार ने जहांगीराबाद एक और जहांगीराबाद तीन देसी शराब के दैनिक लाइसेंस के लिए लगी बोली के लिए आज दिन में 12:00 अपने कार्यालय में बुलाया और टेंडर जमा करवाया तथा सभी से कहां की 1 घंटे बाद यानी 1:00 बजे टेंडर खुलेगा। जब टेंडर खोला गया तो निविदा पूर्व लाइसेंसी नीरज पहाड़ी की पत्नी अंजू रानी के नाम खुला जिस पर वहां हंगामा मचा। हंगामा इस बात के लिए मच गया क्योंकि अन्य आवेदक विजयपाल सिंह और जितेंद्र भारती का टेंडर फॉर्म ही टेंडर बॉक्स से गायब कर दिया गया। इसको लेकर जिला आबकारी अधिकारी राजेंद्र कुमार और आवेदकों के बीच काफी बहस हो गई। बताया जा रहा है कि नीरज पहाड़ी जिसके ऊपर दर्जनों आपराधिक मुकदमे हैं बिना कैरेक्टर के ही 2018-19 से दुकानों का संचालन कर रहा था जिसकी शिकायत मनोज शर्मा ने की शिकायत सही पाई जाने के बाद दुकान निरस्त हो गई लेकिन इसी नीरज पहाड़ी के साथ-साथ गांठ करके जिला आबकारी अधिकारी राजेंद्र कुमार ने साजिश करते हुए नीरज पहाड़ी की पत्नी अंजू रानी का टेंडर हर हाल में स्वीकृत करने के लिए विजय पाल सिंह और जितेंद्र भारती के टेंडर निरस्त करने के बजाय गायब कर दिए।
क्यों सवालों के घेरे में आए जिला आबकारी अधिकारी राजेंद्र कुमार:
उपरोक्त दुकानों के लिए पूर्व लाइसेंसी नीरज पहाड़ी की पत्नी ने 42 पेटी दैनिक उठान का टेंडर डाला था जबकि विजय पाल सिंह और जितेंद्र भारती ने उक्त दुकानों के लिए प्रतिदिन 52 पेटी देसी मदिरा के उठान का टेंडर डाला था ऐसी स्थिति में दुकान विजयपाल सिंह और जितेंद्र भारती को मिलना तय था। पात्र आवेदकों को टेंडर ना मिल सके इसीलिए जिला आबकारी अधिकारी राजेंद्र कुमार ने साजिश रची और टेंडर बॉक्स से दोनों के टेंडर फॉर्म गायब कर दिए।
प्रकरण आबकारी विभाग की प्रमुख सचिव के पास पहुंचा:
जिला आबकारी अधिकारी राजेंद्र कुमार की करतूत आबकारी विभाग की प्रमुख सचिव को भेज दिया गया है इसके बाद आबकारी महकमें हड़कंप मचा हुआ है।
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