
नई दिल्ली। हिडेनबर्ग रिपोर्ट में अदानी के शेयर घोटाले की जो जांच रिपोर्ट प्रकाशित हुई थी उसकी अब बाजार नियामक संस्था यानी सेबी भी पुष्टि करने लगा है।
राइटर की खबर के अनुसार सेबी ने अपनी जांच में पाया है कि अदानी नेट डिस्क्लोजर और निवेश संबंधी नियमों की धज्जियां उड़ाकर फर्जी कंपनियों के जरिए फर्जी खरीद फरोख्त करके शेयरों के दाम में भारी हेरा फेरी की।
हिंडनबर्ग अमेरिका आधारित निवेश रिसर्च फर्म है जो एक्टिविस्ट शॉर्ट-सेलिंग में एक्सपर्ट है। रिसर्च फर्म ने कहा था कि उसकी दो साल की जांच में पता चला है कि अडानी समूह दशकों से 17.8 ट्रिलियन (218 बिलियन अमेरिकी डॉलर) के स्टॉक के हेरफेर और अकाउंटिंग की धोखाधड़ी में शामिल था।
इकोनॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, अल्बुला इन्वेस्टमेंट फंड, क्रेस्टा फंड, एमजीसी फंड, एशिया इन्वेस्टमेंट कॉरपोरेशन (मॉरीशस), एपीएमएस इन्वेस्टमेंट फंड, एलारा इंडिया अपॉर्चुनिटीज फंड, वेस्पेरा फंड और एलटीएस इन्वेस्टमेंट फंड का प्रतिनिधित्व करने वाली कानूनी टीमों ने सामूहिक रूप से सेबी को 16 आवेदन दिए कि इसका निपटारा कर दिया जाए।
कैरेबियाई देशों, मॉरीशस और संयुक्त अरब अमीरात तक फैले टैक्स हैवन देशों में अडानी परिवार के नियंत्रण वाली मुखौटा कंपनियों का कथित नेक्सस बताया गया था।
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