150 सीटों पर महाराष्ट्र में वीवी पैट से मिलन के लिये महा विकास अघाड़ी ने डाली याचिका:
संजय प्रधान की रिपोर्ट…
निर्वाचन आयोग का खतरनाक खेल:
सुप्रीम कोर्ट ने फैसला दिया था 47200 रुपये जमा कराकर बूथ की पर्चियों की गिनती करा सकते हैं. यदि परिणाम सकरात्मक मिला तो पैसे वापस हो जायेंगे. हरियाणा के लोकसभा चुनाव में करनाल से बुद्धिराजा ने
बूथ के पर्चियों के मिलान व गिनती हेतू पैसे जमा किये थे. चुनाव आयोग ने आजतक क्रास चेकिंग नहीं करायी.
अभी हरियाणा का विधानसभा का चुनाव हुआ है कुल 17 विधानसभाओं की गिनती हेतू पैसा उम्मीदवारों ने जमा कराया है आजतक चुनाव आयोग ने क्रास चेकिंग नहीं करायी.
महाराष्ट्र चुनाव में शरद पवार और ठाकरे ने लगभग 150 से ज्यादा विधानसभाओं के बूथों की पैसा जमा करने व पिटिशन दायर करने जा रहे हैं. कारण यह बताया जा रहा है कि बीजेपी ने 148 प्रत्याशी उतारे थे जिसमेँ से 132 प्रत्याशी जीत गये. इतना भारी संख्या में प्रत्याशियों का जितना प्रचंड लहर में भी संभव नहीं होता है जबकि इसबार पूरे महाराष्ट्र में पूरी जनता बीजेपी से रुष्ट और खिलाफ हो चुकी थी ग्राउंड रिपोर्ट में पूरी जनता कह रही थी बीजेपी तो गयो.
यही हाल यूपी के सीटों का भी कुंदरकी जो 70% मुस्लिम बहुल क्षेत्र है वहां से बीजेपी प्रत्याशी रिकार्ड मतों से जीते जिसकी कोइ संभावना ही नहीं थी. माननीय अखिलेश यादव जी ने स्पष्ट रुप से आरोप लगाया है यह बीजेपी की इलेक्ट्रॉनिक बूथ कैप्चरिंग है. बहन मायावती जी ने कहा है हम अब कोई उप चुनाव ही नहीं लड़ेगें.
अब सवाल यह उठता है अगर ईवीएम और चुनाव आयोग दूध का धोया है तो लोकसभा करनाल और हरियाणा की क्रास चेकिंग क्यों अब तक नहीं करा रहा है. इन सब प्रकरणों के दृष्टिगत चुनाव आयोग निष्पक्ष नहीं दिख रहा है इस मामलें में माननीय न्यायालय को स्वतः संज्ञान लेकर कार्यवाही करनी चाहिए. दरअसल सबसे बड़ी गलती इसमें कांग्रेस की भी है अगर इतनी सारी गलतियां और संदेह है तो महागठबंधन ईवीएम का बाहिष्कार क्यों नहीं करता है. स्वस्थ स्वच्छ लोकतंत्र , जनता के मेहनत और मनोबल को तोड़ने में चुनाव आयोग को नकेल डालने में अब देर नहीं करनी चाहिए…
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