नई दिल्ली। भारत में राजनीतिक वजह से बांग्लादेश में हिंदुओं पर हमले की खबर को बढ़-चढ़कर दिखाया जा रहा है जबकि सच्चाई इसके विपरीत है। बांग्लादेश से ऐसी कई तस्वीरें और वीडियो सामने आ रही हैं जिसमें वहां के आंदोलनकारी छात्र और बुद्धिजीवी समाज अल्पसंख्यक हिंदुओं के मंदिर और उनकी कॉलोनीयों की सुरक्षा के लिए दिन-रात पहरेदारी कर रहे हैं और कट्टरपंथी जमाते इस्लामी से टक्कर ले रहे हैं।
शेख हसीना सबसे ज्यादा सांप्रदायिक:
बांग्लादेशी हिंदू महजोत संघ के अध्यक्ष गोविंद चंद्र प्रमाणिक शेख हसीना से बेहद नाराज है। उन्होंने कहा कि शेख हसीना से ज्यादा सांप्रदायिक कोई और नहीं है। शेख हसीना ने सबसे ज्यादा मदरसे मस्जिद और इस्लामिक यूनिवर्सिटी बनाई लेकिन हिंदुओं पर कोई ध्यान नहीं दिया। गोविंद चंद्र प्रमाणिक जो कि सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता भी हैं उन्होंने कहा कि बांग्लादेश की सिविल सोसाइटी जमाते इस्लामी से डरती है और वह नहीं चाहती कि आने वाली सरकार में जमाते इस्लामी भी शामिल हो। बांग्लादेश की सिविल सोसाइटी इस समय टोली बनाकर हिंदुओं की सुरक्षा कर रही है। हमें उन पर पूरा भरोसा है।
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