लखनऊ। उम्मीदवारों की अपनी नई सूची में अखिलेश यादव ने केशव मौर्य की टेंशन बढ़ा दी। फूलपुर से अखिलेश यादव ने अमरनाथ मौर्या को उतारकर बीजेपी के समीकरण को मुश्किल में डाल दिया है। मौर्य वोटरों के लिए डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य को स्टार प्रचारक बनाया गया है और उन पर मौर्य कुशवाहा और शाक्य वोटरों को साधने की जिम्मेदारी है लेकिन अखिलेश यादव ने चतुराई से अपने पत्ते खेलते हुए मायावती सरकार में मायावती के राइट हैंड माने जाने वाले बाबू सिंह कुशवाहा को चुनाव मैदान में लाकर न केवल जौनपुर बल्कि गाज़ीपुर मऊ बलिया वाराणसी सोनभद्र और मिर्जापुर में भी इस समाज को सकारात्मक संदेश देने में सफल हो गए। जबकि अमरनाथ मौर्या जैसे दिग्गज को मैदान में उतारकर केशव मौर्य को उनके ही घर में में घेरा बंदी कर दी है। पूर्वांचल के लगभग सभी जनपदों में यादव पटेल के बाद सबसे ज्यादा संख्या मौर्य कुशवाहा बिरादरी की ही है।
नई सूची में कभी मायावती के करीबी रहे दिग्गज नेता बाबू सिंह कुशवाहा को जौनपुर से उतार दिया गया है वहीं डुमरियागंज से स्वर्गीय हरिशंकर तिवारी के पुत्र भीष्म शंकर तिवारी उर्फ कुशल तिवारी को चुनाव मैदान में लाकर भाजपा की मुश्किल बढ़ा दी है। इस बार गैर यादव ओबीसी में सबसे ज्यादा भरोसा पटेल वोटरों पर फोकस करते हुए श्रावस्ती से राम शिरोमणि वर्मा को उतारा है अब तक करीब 16 प्रत्याशी गैर यादव ओबीसी में पटेल आ चुके हैं।
निषाद बाहुल्य संत कबीर नगर से पप्पू निषाद को उतार कर संजय निषाद की मुश्किलें बढ़ा दी है। सलेमपुर से रमाशंकर राजभर और मछली शहर से प्रिया सरोज को मैदान में लाकर भाजपा की चुनौती में इजाफक कर दी है।
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