ठेके पर रखे गए हरिश्चंद्र श्रीवास्तव मुख्यालय के कार्मिक विभाग में भी देखे गए:
प्रयागराज। टपरी शराब कांड का मास्टरमाइंड पूर्व जॉइंट एक्साइज कमिश्नर और एडिशनल एक्साइज कमिश्नर लाइसेंस हरिश्चंद्र श्रीवास्तव जो वर्तमान में जेम पोर्टल के जरिए ठेके पर रखा गया है उसे आबकारी मुख्यालय में देखा गया है। सूत्रों का कहना है कि आबकारी मुख्यालय में वह कई गोपनीय फाइलों का परीक्षण कर रहा है। यह वही हरिश्चंद्र श्रीवास्तव है जिसने अपने रिश्तेदार अशोक श्रीवास्तव की फर्म मेंटर को आबकारी विभाग के भुगतान के लिए अवैध पोर्टल सालों चलाया। यहां भी आरोप है कि मैटर पोर्टल के जरिए बड़ी मात्रा में अवैध बारकोड शराब फैक्ट्री के लिए जारी हुए और कम से कम 200 ट्रक अवैध शराब की निकासी हुई जिसकी वजह से राज्य सरकार को अरबो रुपए के राजस्व की क्षति हुई। वर्तमान समय में टपरी शराब कांड की जांच शासन द्वारा कराई जा रही है ऐसे में हरिश्चंद्र श्रीवास्तव का मुख्यालय पहुंचना और घोटालों से जुड़ी फाइलों को देखना अपने आप में बेहद ही आपत्तिजनक और गंभीर मामला है। सबसे बड़ा सवाल तो यह है कि ठेके पर काम करने वाले व्यक्ति को आबकारी मुख्यालय के अंदर कार्मिक जैसे महत्वपूर्ण विभाग में प्रवेश कैसे मिला। क्या यह आबकारी आयुक्त के मौखिक आदेश पर हुआ या फिर मुबारक अली ने स्वयं यह खेल तमाशा किया है जो भी हो इस समय आबकारी मुख्यालय की अराजकता पूरे प्रदेश में चर्चा का विषय बनी हुई है।
हरिश्चंद्र श्रीवास्तव के अलावा ठेके पर रखे गए पूर्व जॉइंट कमिश्नर जीसी मिश्रा भी मुख्यालय में देखे गए हैं। जैसी मिश्रा को क्यों बुलाया गया और यदि वह ठेके पर रखे गए हैं तो उनसे किसी प्रकार का जवाब क्यों बनवाया जा रहा है। जीसी मिश्रा और हरिश्चंद्र श्रीवास्तव मात्र सलाहकार के रूप में रखे गए हैं फिर यह दोनों किस हैसियत से आबकारी मुख्यालय
आये यह अपने आप में चर्चा का विषय बना हुआ है।
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