लखनऊ। फर्जी पोर्टल बनाकर ट्रांसफर पोस्टिंग के जरिए करोड़ों रुपए का धंधा करने वाले बेईमान आबकारी आयुक्त सेंट्रल पांडियन सी की पोल खुलने वाली है। शासन ने सभी विभागों को एक पत्र लिखा है जिसमें मानव संपदा पोर्टल के जरिए किए गए ट्रांसफर पोस्टिंग का विवरण मांगा है।
इस पत्र में दिए गए निर्देशों का क्रियान्वयन होते ही आबकारी विभाग के बेईमान कमिश्नर सेंथिल पांडियन सी की पोल खुल जाएगी। सेंथिल पांडियन ने एक फेक पोर्टल पर विभाग के तमाम अधिकारियों और इंस्पेक्टर की ट्रांसफर पोस्टिंग की थी और उसे मीडिया में भी जारी कर दिया था बाद में इसकी पोल खोलने के बाद काफी किरकिरी हुई थी लेकिन अपने जुगाड़ और सेटिंग से कमिश्नर किसी तरह बचाने में कामयाब हो गए थे। यह मुसीबत उनके ऊपर फिर आ पड़ी है क्योंकि शासन ने इसी महीने की 9 तारीख को सभी विभागों को एक पत्र लिखकर मानव संपदा पोर्टल पर तैनाती संबंधी विवरण मांगा है और निर्देश दिया है कि भविष्य में सभी प्रकार की तैनाती केवल मानव संपदा पोर्टल के जरिए होंगे। पत्र में यह भी कहा है कि जनवरी 2024 में सभी कर्मियों का वेतन acp आदि का विवरण ई सर्विस बुक पर होना चाहिए। जैसे ही आई सर्विस बुक तैयार होगी कमिश्नर सेंथिल पांडियन सी के फर्जी ट्रांसफर पोस्टिंग की भी पोल खुल जाएगी इसको लेकर विभाग में हड़कंप मचा हुआ है।
वार्षिक मूल्यांकन रिपोर्ट में फंस जाएगा आबकारी विभाग
कर्मचारियों के वार्षिक प्रगति रिपोर्ट यानी एपीआर का मुख्यमंत्री कार्यालय ने विवरण मांगा है। यही विभाग के लिए गले की हड्डी बन गया है। किसी भी कर्मचारी का मानव संपदा पोर्टल पर ट्रांसफर पोस्टिंग का विवरण उपलब्ध नहीं है ऐसे में उनका एपीआर मानव संपदा पोर्टल के जरिए मांगा गया है और यही विभाग के लिए सबसे बड़ी मुसीबत बन गया है। कमिश्नर की लालच और बेईमानी की वजह से पूरे विभाग को बड़ी फजीहत का सामना करना पड़ रहा है।
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