अवधभूमि

हिंदी न्यूज़, हिंदी समाचार

महिला एवं बाल कल्याण विभाग बना भ्रष्टाचार का अड्डा: शासन में भ्रष्ट अधिकारियों पर कार्रवाई के पत्र हो जाते हैं गायब

लखनऊ। उत्तर प्रदेश महिला एवं बाल कल्याण विकास विभाग इस समय भ्रष्ट अधिकारियों का अड्डा बना हुआ है। बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ जैसे महत्वपूर्ण योजनाओं के फंड की बंदर बांट करने वाले आरोपी अधिकारियों पर विभाग मेंहरबान है। जानकारी मिली है की प्रमुख सचिव स्तर से जो भी कार्रवाई की गई है या जो भी आख्या मांगी गई है वह सभी पत्रावली या तो गायब कर दी गई है या दबा दी गई है।

महिला कल्याण निदेशालय के भ्रष्टाचार विषयक प्रकरणों में प्रेषित महत्वपूर्ण पत्रों पर शासनकोई कार्रवाई नहीं कर रहा है।
ज्ञातव्य हो कि शासन द्वारा पीड़ित बालिकाओं के सहायता हेतु संचालित रानी लक्ष्मी बाई महिला सम्मान कोष के एक अति विलंबित प्रकरण में जिलाधिकारी बलरामपुर द्वारा उत्तरदायित्व निर्धारित कर के सम्मान कोष नियमावली अंतर्गत सहायता दिए जाने में की गई लापरवाही को ध्यान में रखते हुए योजना अधिकारी श्री आशुतोष सिंह एवं श्री उदय मालवीय, जिला probation अधिकारी बलरामपुर श्री सतीश कुमार के विरुद्ध प्रभावी कार्रवाई किए जाने हेतु शासन एवं निदेशक महिला कल्याण को पत्र प्रेषित किए गए थे ततक्रम में निदेशालय महिला कल्याण ने भी कार्रवाई प्रचलित किए जाने हेतु शासन को पत्र लिखा था परंतु उसपर शासन स्तर से कार्रवाई विलंबित है , श्री बृजेंद्र सिंह निरंजन (निलंबित ) को एक गंभीर प्रकरण में शासन द्वारा निलंबित किए जाने के 6 माह से ज्यादा समय व्यतीत हो गए हैं परंतु निदेशालय महिला कल्याण द्वारा श्री निरंजन को चार्ज सीट प्रदान किए जाने हेतु शासन को एक माह से पत्र प्रेषित किए गए हैं परंतु शासन के स्तर से अभी तक श्री निरंजन को आरोप पत्र भी नहीं प्राप्त कराए गए हैं , जिला परिवीक्षा अधिकारी बदायूं श्री चंद्रभूषण यादव के विरुद्ध एक पुराने प्रकरण में शासन के स्तर से करवाई लंबित चल रही है,मुख्य परिवीक्षा अधिकारी आकांक्षा अग्रवाल के विरुद्ध शासन स्तर से निर्णय लिये जाने हेतु लंबित प्रकरण, इसी प्रकार से जनपद सहारनपुर में बालिका गृह कांड में लिप्त पाये गए जिला परिवीक्षा अधिकारी श्री अभिषेक पांडे के विरुद्ध आयुक्त सहारनपुर मंडल द्वारा गंभीर आरोपों की दृष्टिगत अर्ध शासकीय पत्र शासन एवं निदेशालय को प्रेषित किए गए थे जिसके क्रम में शासन की माँगी गई आख्या का ज़वाब निदेशालय महिला कल्याण ने भी श्री अभिषेक पांडे की संलिप्तता को मानते हुए तीन माह पूर्व ही निलंबन की अपनी अनुशंसा शासन को प्रेषित की जा चुकी है परंतु करवाई लंबित है!! ज्ञात हो कि शासन में एक अतिरिक्त रूप से सचिव की भी माननीय मुख्यमंत्री जी द्वारा नियुक्त की गई है !सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार श्री अंजनी कुमार चक्रवर्ती जो कि समीक्षा अधिकारी के पद पर कार्यरत हैँ उन्हीं के द्वारा पत्रावलियों को निजी स्वार्थ में रुचि लेकर लंबित रखा गया है !इस तरफ प्रमुख सचिव का ध्यान जिस दिन भी चला गया उस दिन सारे आरोपियों पर गाज गिरना तय माना जा रहा है.

जिला प्रवेश अधिकारी शाहजहांपुर का स्पष्टीकरण शासन को 3 महीने बाद भी नहीं पहुंचा

About Author