
प्रयागराज। आबकारी आयुक्त जिनके बारे में लोकायुक्त ने भ्रष्टाचार की एक मामले में कार्रवाई की सिफारिश की है। इन दिनों उनके एक से बढ़कर एक कारनामे सामने आ रहे हैं।
आबकारी विभाग में इस समय अतिरिक्त प्रभार का धंधा चल निकला है। अपने खास और चहेते अधिकारियों को मलाईदार अतिरिक्त प्रभार सौंपा जा रहा है।
सहायक आबकारी आयुक्त सुभाष रंजन घोष जो कि वर्तमान समय में बुलंदशहर जिले के अनूप शहर स्थित डिक्शनरी में सहायक आबकारी आयुक्त हैं उन्हें वर्तमान पोस्टिंग के साथ-साथ बुलंदशहर की ही जगजीत डिस्टलरी का भी चार्ज दे दिया गया है।
इसी तरह राजेश कुमार सिंह जिनकी वर्तमान में पोस्टिंग सहायक आबकारी आयुक्त मुख्यालय विधि के रूप में है उन्हें भी मलाईदार पोस्टिंग का पुरस्कार मिला है। वर्तमान पोस्टिंग के साथ राजेश सिंह डालमिया डिस्टलरी के सहायक आबकारी आयुक्त भी होंगे।
सहायक आबकारी आयुक्त कार्मिक मुबारक अली जो कि आदर्श सिंह का करीबी है उसे भी मलाईदार पोस्टिंग मिली है। लखीमपुर खीरी की गोविंद शुगर मिल में सहायक आबकारी आयुक्त के रूप में पोस्टिंग मिली है अपनी दोनों जिम्मेदारी यह व्यक्ति कैसे निभाएगा बहुत बड़ा सवाल है। मुबारक अली एक ही समय आबकारी मुख्यालय और आबकारी मुख्यालय से 800 किलोमीटर दूर लखीमपुर खीरी में अपनी ड्यूटी कैसे निभाएगा। इसी तरह टास्कफोर्स में तैनात राजेश मिश्रा एक ही समय लखनऊ और वहां से 200 किलोमीटर दूर सीतापुर में कैसे अटेंडेंस देगा समझ से परे हैं। राजेश कुमार सिंह जो सहायक आबकारी आयुक्त विधि मुख्यालय पर तैनात है वह इस पद के साथ शाहजहांपुर में भी अपनी ड्यूटी कैसे निभाएगा उसका आदर्श सिंह के पास कोई जवाब नहीं है । आम चर्चा है कि अतिरिक्त चार्ज के लिए जमकर वसूली हुई है। इस बीच एडिशनल कमिश्नर का शीश महल जो लखनऊ में बन रहा है उसकी भी दबी जुबान चर्चा हो रही है। कई करोड़ रुपए खर्च हो चुके हैं और काम अभी चल रहा है।

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