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चीन अरुणाचल हड़प रहा है: मोदी जी बांग्लादेश को 17000 एकड़ जमीन उपहार में दे आये, ऐसा राष्ट्रवाद कहां देखने को मिलेगा: प्रधानमंत्री के बयान पर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता प्रमोद तिवारी का पलटवार:

लालगंज प्रतापगढ़। राज्यसभा में विपक्ष के उपनेता प्रमोद तिवारी ने मोदी सरकार पर अर्न्तराष्ट्रीय परिप्रेक्ष्य में भी राष्ट्रीय हितों की अनदेखी को लेकर बडा हमला बोला है। उन्होनें कहा कि मौजूदा मोदी सरकार की लचर विदेश नीति के चलते देश को बड़े पैमाने पर अर्न्तराष्ट्रीय साख मे भी नुकसान उठाना पड़ रहा है। विपक्ष के उपनेता प्रमोद तिवारी ने कहा कि अभी रविवार को ही चीन द्वारा भारत के अभिन्न अंग अरूणांचल प्रदेश के लिए तीस स्थानों का नाम परिवर्तित कर उसे अपने हिस्से में दिखाने की हिमाकत की गयी है। उन्होने कहा कि चीन ने ऐसा दुस्साहस इसलिए किया कि आज तक यह सरकार गलवान घाटी लददाख में इक्कीस जवानो की शहादत के बावजूद चीनी हरकत के चलते सैकडो वर्ग किलोमीटर भारतीय भूभाग पर हमारी सेना गश्त करने नही जा पा रही है। कांग्रेस के राज्यसभा सदस्य प्रमोद तिवारी ने कहा कि चीन लगातार राष्ट्रीय हितों पर कुठाराघात कर रहा है। वही उन्होने मोदी सरकार पर चीन को लेकर यह भी प्रहार किया कि देश में चीन का व्यापार लगातार बढ़ता जा रहा है और इसके विपरीत भारत का चीन में व्यापार घट गया है। ऐसे में उन्होने कहा कि यह व्यापार का आंकड़ा एकतरफा होना अत्यन्त दुर्भाग्यपूर्ण एवं चिन्ताजनक स्थिति में आ पहुंचा है। विपक्ष के उपनेता प्रमोद तिवारी ने श्रीलंका को लेकर भारत सरकार के तत्कालीन समझौते को लेकर बयान पर भी तीखी प्रतिक्रिया जताते हुए कहा कि प्रधानमंत्री तथ्यों को तोड मरोड़ रहे हैं। उन्होने कहा कि देश की तत्कालीन प्रधानमंत्री इन्दिरा गांधी और श्रीलंका की तत्कालीन पीएम भण्डार नायके के बीच जो समझौता हुआ था उसमें छः सौ तमिल मछुवारों को नागरिकता देने को लेकर हुआ था। विपक्ष के उपनेता प्रमोद तिवारी ने बांग्लादेश को लेकर मौजूदा प्रधानमंत्री के कार्यकाल में 2015 में हुए समझौते को लेकर तगड़ा कटाक्ष किया गया कि बांग्लादेश के साथ हुए समझौते मे सत्रह हजार एकड़ जमीन बांग्लादेश के हिस्से मे आयी। जबकि इस समझौते में भारत को सात हजार एकड़ जमीन मात्र हाथ लग सकी। उन्होने कहा है कि ऐसे में इस समझौते में दस हजार एकड़ भारतीय सीमा से लगी जमीन बांग्लादेश के हाथ लगी जबकि भारत को महज सात हजार एकड़ जमीन ही हासिल हो सकी। उन्होने कहा कि सरकार की कमजोर इच्छाशक्ति के कारण हजारों एकड़ भारतीय जमीन बांग्लादेश के हवाले कर देने से हमें एक बड़े भूभाग को खोने का नुकसान उठाना पड़ा है। उन्होनें कहा कि मोदी सरकार को यह समझ मे नही आ रहा है कि देश की विदेश नीति का एक अर्न्तराष्ट्रीय मानक हुआ करता है। राज्यसभा सदस्य प्रमोद तिवारी ने कहा कि सरकारों को वैदेशिक मामले में ऐसे मानक पर अपने को बरकरार रखना चाहिए। उन्होनें पीएम पर तंज कसा कि प्रधानमंत्री अर्न्तराष्ट्रीय मसलांे पर भी सोच समझकर नहीं बोला करते। उन्होनें कहा कि ऐसे में इस सरकार की कमजोर राजनैतिक इच्छाशक्ति के कारण मौजूदा समय में राष्ट्रीय हितों की भी वैदेशिक क्षेत्र तक में अनदेखी के चलते देश को साख पर बटटा लगने की लगातार बेजां कीमत चुकानी पड़ रही है। नई दिल्ली के मुख्यमंत्री केजरीवाल को ठीक लोकसभा चुनाव के समय ईडी के द्वारा हिरासत मे लिए जाने पर भी प्रमोद तिवारी ने सरकार की बदनीयती पर हमला बोला है। उन्होनें कहा कि केजरीवाल दिल्ली के मुख्यमंत्री हैं। ऐसे में यदि ईडी को अभी तक उनसे कुछ बरामदगी भी नही मिल सकी तो यह गिरफ्तारी संसदीय लोकतंत्र की परम्परा के लिए खतरे की साफ घंटी है। उन्होने कहा कि किसी भी सांसद अथवा विधायक खासकर किसी मुख्यमंत्री को किसी मामले में आरोप पत्र दाखिल न होने तक हिरासत में नहीं लिया जाना चाहिए। मीडिया प्रभारी ज्ञानप्रकाश शुक्ल के हवाले से सोमवार को यहां जारी बयान में राज्यसभा में विपक्ष के उपनेता प्रमोद तिवारी ने कहा कि सत्ता खोने के भय में भाजपा और प्रधानमंत्री राष्ट्रीय एवं अर्न्तराष्ट्रीय क्षेत्र की चुनौतियों से जनता का ध्यान भटकाने के लिए बयानबाजी में अधकचरापन का प्रदर्शन कर रहे हैं।

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