पकड़ी मिलावट की शराब, कार्रवाई के बजाय लाइसेंसी से कर रहा है सौदेबाजी;
जिला आबकारी अधिकारी सुशील मिश्रा का लाडला है आरोपी इंस्पेक्टर अभिषेक मिश्रा
प्रयागराज। जिला आबकारी अधिकारी सुशील मिश्रा प्रयागराज में अपने वसूली कारोबार को बढ़ाने के लिए अपने मनपसंद इंस्पेक्टर की तैनाती के लिए फूलपुर सेक्टर में षड्यंत्र करके जहां एक महिला इंस्पेक्टर को निलंबित करवा दिया वहीं अलीगढ़ में तैनात इंस्पेक्टर अभिषेक मिश्रा जो सुशील मिश्रा का बेहद नजदीकी है उसकी आनन फानन में पोस्टिंग कर दी। अब इसी सेक्टर का कारनामा सामने आया है।
मिली जानकारी के मुताबिक नई झूसी देसी शराब की दुकान से इंस्पेक्टर ने डाइल्यूशन का आरोप लगाकर दो पेटी शराब बरामद किया लेकिन इसकी किसी तरह की ना लिखा पड़ी हुई और ना ही लाइसेंसी के खिलाफ कोई एफआईआर दर्ज हुई। इंस्पेक्टर ने यह माल मेडिकल चौराहे के पास अपने कमरे पर रखा पूरी रात लाइसेंसी से सौदेबाजी होती रही और अभी समाचार लिखे जाने तक भी किसी प्रकार की कोई कार्रवाई नहीं हुई है।
प्रकरण कमिश्नर के संज्ञान में, डिप्टी और डीईओ को रात में ही दिए थे कार्रवाई के निर्देश:
बताया जा रहा है कि इस मामले की जानकारी आबकारी आयुक्त को रात में ही हो गई थी उन्होंने तुरंत ही डिप्टी को इस संबंध में कार्रवाई के निर्देश दिए थे डिप्टी ने जिला आबकारी अधिकारी सुशील मिश्रा को इस संबंध में कार्रवाई का आदेश दिया था लेकिन सुशील मिश्रा ने कोई कार्रवाई नहीं की बताया जा रहा है कि वह लाइसेंसी के साथ अभी भी सौदेबाजी कर रहे हैं।
सीसीटीवी फुटेज में दर्ज है आबकारी निरीक्षक का कारनामा
सुशील मिश्रा के लाडले इंस्पेक्टर अभिषेक मिश्रा का कारनामा नई झूसी देसी शराब की दुकान के सीसीटीवी फुटेज में दर्ज है। यहां से दो पेटी शराब उठाते हुए उन्हें देखा जा सकता है सवाल उठता है कि जब शराब उन्होंने इस लाइसेंस की दुकान से उठे तो उसकी फ़र्द रिपोर्ट क्यों नहीं बनी। लाइसेंसी के खिलाफ प्राथमिक क्यों नहीं दर्ज हुई। घटना की जानकारी स्थानी थाने को क्यों नहीं दी गई। यह तमाम ऐसे सवाल हैं जिसकी वजह से जिला आबकारी अधिकारी प्रयागराज एक बार फिर सवालों के घेरे में है।
सुशील मिश्रा के ही एक लाडले इंस्पेक्टर आशुतोष उपाध्याय अवैध वसूली के आरोप में सस्पेंड हो चुके हैं।
आबकारी आयुक्त के अगले कदम पर है निगाहें
माना जा रहा है कि आबकारी आयुक्त इस मामले में आज बड़ी कार्रवाई कर सकते हैं।
देखना यह है कि कमिश्नर इंस्पेक्टर को सस्पेंड करते हैं या छोड़ देते हैं क्योंकि dilution की पेटी पर इंस्पेक्टर को कर तुरंत fir करवा कर दुकान निरस्त करवानी थी पर वो डीईओ के इशारे पर वसूली में लग गया था।अभी कुछ दिन पहले सौरांव सर्किल में डिप्टी ने होलागढ़ अंग्रेज़ी दुकान dilution में पकड़ी थी तो इंस्पेक्टर ने तुरंत fir करा कर सुबह दुकान का लाइसेंस निरस्त करवा दिया था ।dilution पर सीधे दुकानदार पर fir करवा कर कैंसिल होती है दुकान।देखना है कि इंस्पेक्टर ने क्या लिखा पढ़ी करके माल उठाया था।
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