अवधभूमि

हिंदी न्यूज़, हिंदी समाचार

नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर भगदड़ में 15 से ज्यादा लोगों की मौत:

कई लोग गंभीर बढ़ सकता है मौत का आंकड़ा

नई दिल्ली। प्रयाग महाकुंभ जाने के लिए नई दिल्ली स्टेशन पर भारी भीड़ के बाद मची भगदड़ में कई लोग ट्रेन की पटरी पर गिर गए इसके बाद सामने से आ रही ट्रेन से कट कर कम से कम 15 लोग मारे गए हैं। ट्रेन की पटरी पर कई लाश दिखाई दे रही है।

जाने के लिए प्लेटफॉर्म पर भारी भीड़ उमड़ी थी. तभी भगदड़ जैसी स्थिति हो गई. भगदड़ में 15 लोगों की मौत हुई है. वहीं एक चश्मदीद ने एबीपी न्यूज से बातचीत में बताया कि गंदी स्थिति थी, लोग ट्रेन के आगे गिरे. कट गए गिर गए और दब गए।

प्रशासन आया एक बार में भी सबको भरकर ले जाया गया. ये 14-15 प्लेटफॉर्म पर बहुत गंदी स्थिति थी. शाम 7.30 बजे से 9.30 बजे तक बहुत स्थिति थी. मेरी ट्रेन निकल

मैं अपने परिवार के साथ प्रयागराज जाने के लिए आया था। बेटा मेरे साथ है, लेकिन बेटी और पत्नी का कुछ पता नहीं है। समझ नहीं आ रहा है कहां जाऊं। हालत, बेहद खराब हैं। रेल प्रशासन भी कुछ मदद नहीं कर रहा है। यह कहते हुए योगेश मिश्रा के आंसू थम नहीं रहे हैं। वह रोते हुए बताते हैं कि उनकी ट्रेन प्लेटफार्म नंबर 15 में थी। एसी-2 की टिकट थी। लेकिन, भीड़ इतनी अधिक थी कि किसी भी बोगी में पैर रखने की जगह नहीं थी। सब लोग एक-दूसरे के ऊपर चढ़ रहे थे।

उन्होंने बताया कि रेल के टॉयलेट में भी लोग खचाखच भरे हुए थे। कुछ ही दूरी पर खड़ी बिमला देवी बिलखते हुए बताती हैं कि उनके पति हार्ट के मरीज हैं। उन्हें आखिरी बार 10 बजे देखा था, उसके बाद से उनसे कोई संपर्क नहीं हुआ है। उन्होंने बताया कि न पुलिस सहयोग कर रही है न ही रेल प्रशासन। उन्होंने कहा कि वह तीन से चार चक्कर अस्पताल से लेकर यहां तक काट चुकी हैं। वह घबराकर कहती हैं कि कोई उनकी मदद करें।

इसी तरह स्टेशन के बाहर अपने माता-पिता को खोज रहे मनोज रावत भटक रहे हैं। वह बताते हैं कि उनका इस भीड़ में फोन तक खो गया हैं। बस वह किसी तरह यहां से बचकर निकल आए हैं। उन्होंने बताया की जैसे ही भगदड़ हुई वैसे ही लोग उनके ऊपर चढ़ गए। इस दौरान वह बेहोश हो गए। उसके बाद उन्हें कुछ लोग अपने कंधों में बाहर लाए हैं। वह रोते हुए कहते हैं कि महादेव उनके माता-पिता को बचा लें।

नई दिल्ली रेलवे स्टेशन के बाहर 12 से अधिक एम्बुलेंस खड़ी हैं। बीच-बीच में कई एम्बुलेंस आ-जा रही हैं। आस-पास के इलाके को छावनी में बदल दिया है। मयूर विहार से अपनी बहन को प्रयागराज जाने वाली ट्रेन में बैठने आए अभिनव सिंह कहते हैं कि उनकी ट्रेन 10 बजे की थी। उन्हें बैठा दिया था। लेकिन, भीड़ बेकाबू थी।

उन्होंने बताया कि सीढ़ी पर बेतहाशा भीड़ थी। सांस लेना भी मुश्किल हो गया था। वह बताते हैं कि उन्होंने सबसे पहले एम्बुलेंस को कॉल किया। जिसके बाद कार्रवाई हुई। लेकिन, स्टेशन के अंदर किसी भी तरह के सुरक्षा के इन्तज़ाम नहीं थे। उन्होंने बताया कि वह 3-4 लोगों को अस्पताल लेकर गए। किसी का हाथ टूट गया था तो कोई बेहोश था।

कुछ के परिवार के सदस्य हैं अब भी लापता
मेरे पिता मरीज हैं। वह तो ट्रेन में चढ़ गए हैं। लेकिन, बाकी लोग यहीं हैं। उन्हें ट्रेन के फर्श पर गिरा हुआ देखा था। उनका फोन भी नहीं लग रहा है। डर है कहीं कोई दुर्घटना नहीं हुई हो। स्टेशन के अंदर से रोते हुए बाहर आए रोहित यादव कहते हैं कि उनके बच्चे ट्रेन में थे। लेकिन, उन्हें ट्रेन से धक्का दे दिया गया। वह प्लेटफार्म पर गिर गए थे। उन्होंने कहा कि बच्चों का कुछ पता नहीं है। परिवार के लोग यहां आ रहे हैं। रेलवे कुछ मदद नहीं कर रहा है।

सूझबुझ नहीं दिखाते तो काल के गाल में समा जाते
स्टेशन के बाहर अपने दोस्तों का इंतजार कर रहे प्रियांशु शर्मा घबराते हुए बताते हैं कि अगर वह सूझबुझ नहीं दिखाते तो काल के गाल में समा जाते। उन्होंने बताया कि उनकी ट्रेन रात 10:50 की थी। 12582 मारवाड़ी एक्सप्रेस में इतनी भीड़ थी की सांस भी नहीं ले पा रहे थे। यह घटना प्लेटफार्म नंबर 15 की है। देखते ही देखते भीड़ बेकाबू हो गई। किसी तरह जान बचाकर बाहर आए हैं।

वहीं, बच्चे क्या, बुजुर्ग क्या। सब ट्रेन में चढ़ने के लिए आतुर थे। सब एक-दूसरे पर चढ़ रहे थे। यह बताते हुए निकेश राय रोने लगते हैं। वह कहते हैं कि उनके दो दोस्त अब भी लापता हैं। एक दोस्त का जूता मिला है, लेकिन जहां घटना घटी उस जगह को साफ कर दिया गया है। घर से फोन आ रहे हैं। सब घबरा गए हैं।

वास्तव में भगदड़ में कितने लोगों की मौत हुई और कितने लोग घायल हैं अभी इसका पूरा आंकड़ा आना बाकी है । फिलहाल नई दिल्ली रेलवे स्टेशन बंद कर दिया गया है।

About Author