
नई दिल्ली। होली से पहले उद्योगपति गौतम अडानी के लिए मुसीबत का पैगाम आया है। मिली जानकारी के मुताबिक धोखाधड़ी के मामले में अमेरिकी कोर्ट का वारंट दिल्ली पहुंचा है इसके बाद भारत सरकार ने अदानी से दूरी बनाते हुए गुजरात में अदानी के पत्ते पर वारंट भेजने के लिए राज्य सरकार के माध्यम से कार्रवाई शुरू कर दी है।
केंद्र सरकार के कानून और न्याय मंत्रालय ने गुजरात की एक अदालत से उद्योगपति गौतम अडानी को अमेरिकी प्रतिभूति और विनिमय आयोग (SEC) द्वारा दायर एक मुकदमे में समन तामील करने का अनुरोध किया है। यह कदम हेग संधि के तहत उठाया गया है, जो विदेशों में दायर मामलों के लिए कानूनी दस्तावेजों की तामील में सहायता के लिए देशों के विदेशों में दायर मामलों के लिए कानूनी दस्तावेजों की तामील में सहायता के लिए देशों के बीच सहयोग की अनुमति देता है। इस घटनाक्रम की पुष्टि केंद्रीय सरकार ने द हिंदू अखबार से की है।
यह मुकदमा न्यूयॉर्क के पूर्वी जिला में संघीय अभियोजकों के साथ मिलकर अमेरिकी रेगुलेटर SEC ने दायर किया था। जिसमें गौतम अडानी और उनके भतीजे सागर अडानी पर अडानी ग्रीन लिमिटेड के कार्यकारी के रूप में कथित तौर पर अमेरिकी निवेशकों से “सैकड़ों मिलियन डॉलर की रिश्वत” छिपाने का आरोप लगाया गया है।
रॉयटर्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक कि गौतम अडानी की कथित रिश्वत योजना का पूरा विवरण संघीय अभियोजकों के 54 पेज के आपराधिक अभियोग में दर्ज है। अडानी और उनके सात सहयोगियों के बीच बड़े पैमाने पर इलेक्ट्रॉनिक संदेशों को पकड़ा गया। 2020 की शुरुआत में, सोलर एनर्जी कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया ने अडानी ग्रीन एनर्जी को महत्व देना शुरूकिया। सोलर एनर्जी कॉरपोरेशन ने एज़्योर पावर ग्लोबल से भी 12 गीगावॉट सौर ऊर्जा परियोजना के लिए कॉन्ट्रैक्ट किया। दोनों कंपनियों को बिजली बेचने से भविष्य में भारी मुनाफा होने वाला था।
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