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आबकारी की लॉटरी में हजारों लाइसेंसी की तबाही:

लखनऊ। प्रमुख सचिव और आयुक्त में सितंबर महीने में ही ठोक और खुद कर दुकानदारों की तबाही की स्क्रिप्ट लिख दी थी। कहां जा रहा है दोनों अधिकारियों ने  शराब कंपनियों से स्पष्ट बता दिया था कि इस बार लॉटरी होगी जब की फुटकर लाइसेंसी की आश्वस्त दिया गया था कि दुकानों की नवीनीकरण की तैयारी करो हजारों टूटकर दुकानदार अधिकारियों के झांसे में रह ए उन्हें बताया गया था कि नवीनीकरण होगा। वरिष्ट अधिकारियों धारा आबकारी नीति लीक  होने का फायदा बड़ी शराब कंपनियों को हो गया क्योंकि उन्होंने थोक दुकानों को उधार देना बंद किया और पुरानी उधारी की वसूली शुरू कर दी लेकिन गोदाम ने अपनी उधारी जारी रखी। कहा जा रहा है कि 10,000 करोङ रुपए से अधिक का बकाया हो गया है।

फुटकर दुकानदारों के सामने तो जीवन मरण का संकट खड़ा हो गया है। कोटा उठाने की अनिवार्यता उनका गला घोट रहा है जबकि 3 1मार्च तक अनिवार्य रूप से निर्धारित कोटा उठाने की अनिवार्यता और यदि 31 मार्च तक कोट का 20% भी शराब बच जाती है तो  उसे शराब पर बुलडोजर चलाने की आबकारी विभाग की तैयारी और यदि कोटा नहीं उठाता है तो दुकान और मकान संबंधी जमीन जायदाद नीलाम करने की तैयारी ऐसे में हजारों लाइसेंसी इस जुए सट्टा लॉटरी जो भी कहिए उसमें हजारों परिवार बर्बाद होने जा रहे हैं लेकिन इसका आबकारी विभाग या इसके अधिकारियों पर कोई असर नहीं है उन्हें सिर्फ अपने जाकर डिस्टलरी के निजी राजस्व की चिंता है।

लॉटरी की वजह से शराब कारोबारी में हड़कंप, 30% तक थोक  तथा फुटकर में हुई गिरावट:

लॉटरी का असर दिखाई देने लगा है। गोदाम द्वारा पुरानी उधारी की वसूली शुरू हो गई है जिसके चलते फुटकर लाइसेंसी अपना कोटा नहीं उठा पा रहे हैं। कहां जा रहा है कि फरवरी महीने में लाइसेंसी अपना 40% कोटा नहीं उठा पाएंगे क्योंकि इनका अधिकतर कारोबार उधारी पर था। आबकारी विभाग को 31 मार्च तक कोटा नहीं उठने की दशा में हजारों करोड़ का घाटा हो सकता है।

आवेदन फीस बढ़ाने से हजारों दुकानों के  उठने पर संशय :

जानकारों का मानना है की लॉटरी के चक्कर में आबकारी विभाग ने स्वयं को  दांव पर लगा दिया है। यदि सत प्रतिशत दुकानों का व्यवस्थापन नहीं हुआ तो विभाग को हजारों करोड़ों का भी चूना लग सकता है। बताया जा रहा है की महंगी दुकान होने की वजह से लॉटरी में सामान्य आय वर्ग के लोग भाग नहीं ले पाएंगे और एक व्यक्ति को अधिकतम पांच दुकान का आवेदन डालने का मौका होगा ऐसे में बैंक से एक नंबर में डीडी बनाने के लिए कितने लोग सक्षम हैं इसको लेकर भी बड़े सवाल खड़े हो रहे हैं।

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