लोकसभा में सरकार ने दिया लिखित जवाब:

नई दिल्ली। सरकार ने संसद में बताया कि देश के उच्च न्यायालयों में पिछले सात वर्षों में जो जज नियुक्त हुए उनमें से 78%ऊँची जातियों के हिंदू हैं । कुल बचे हुए बाइस फ़ीसदी में मुस्लिम, सिख, जैन, बौद्ध, पारसी ,आदिवासी, दलित और पिछड़ी जातियों के हिंदू हैं । नब्बे प्रतिशत हाईकोर्ट्स के चीफ जस्टिस सवर्ण हिंदू हैं ।
इसके पहले यह प्रतिनिधित्व इससे भी ज़्यादा सवर्ण हिंदू समुदाय से अटा हुआ था ।
देश के मीडिया में तो यह प्रतिनिधित्व नब्बे फ़ीसदी एकपक्षीय है!
यानि लोकतंत्र की इन दोनों पायदानों का नेतृत्व, संचालन , प्रबंधन आज़ादी के पहले से और उसके बाद भी सवर्ण हिंदू समुदाय के ही हाथ रहा है ।
आज इन दोनों पायदानों की हालत क्या है? मेरिट की दुहाई देने वाले इस का उत्तर दें !
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